सामाजिक प्रतिमानों के महत्त्व
सामाजिक प्रतिमानों का महत्त्व समाज के सदस्यों के व्यवहार को नियमित करने में है। सामाजिक प्रतिमानों के द्वारा ही सामाजिक मूल्यों को प्रभावपूर्ण बनाया जाता है। परिवार, विद्यालय, कार्यालय या कारखाने में सभी व्यक्ति कुछ विशेष नियमों का पालन करते हुए अपने अपने दायित्वों को पूरा करते हैं। ऐसा केवल इसलिए वे करते हैं कि विभिन्न सामाजिक प्रतिमान उन्हें यह बताते हैं कि किन नियमों का पालन करके वे ऐसा व्यवहार कर सकते हैं जो समाज द्वारा मान्य हो। सामाजिक प्रतिमान व्यक्ति की सामाजिकता की कसौटी है इसलिए इसे सामाजिक मानदण्ड अथवा सामाजिक आदर्श नियम भी कहा जाता है।