रुसो निरंकुशतावादी विचारक था? विवेचना कीजिए।

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रुसो निरंकुशतावादी विचारक था? – रूसों के राजनैतिक दर्शन में कुछ बातें ऐसी भी हैं जो उसे निरंकुशतावादी विचारक के रुप में प्रतिष्ठित करती हैं। रुसो के समस्त राजनीतिक दर्शन की सामान्य इच्छा स्वयं अपने में ही अत्यन्त विवादास्पद है। रुसो का कहना है कि “सामान्य इच्छा का पालन करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। यदि कोई सामान्य इच्छा के आदेश का पालन नहीं करता है तो ऐसा करने के लिए उसे बाध्य किया जा सकता है।” रूसो के विचारो से यह भी संकेत मिलते है कि राज्य में राजनीतिक दल, चर्च, धार्मिक तथा आर्थिक संघ का गठन नहीं किया जा सकेगा। उक्त धारणाएँ।

रूसो के सामान्य इच्छा के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।

निरंकुशतावाद की परिचायक है। रुसो की सामान्य इच्छा में निरंकुशता के मूल्य आधार तत्व सर्वोच्चता, निरंकुशता, अदेयता, अखण्डता आदि विद्यमान है। रुसी का स्पष्ट रूप से यह कहना है कि राज्य का व्यक्तियों के पूर्ण जीवन पर अधिकार है और व्यक्ति का मूल कर्तव्य राज्य की आशाओं का पालन करना ही है।

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