रजिया के उत्थान – रजिया भारत की प्रथम मुस्लिम शासिका थी। वह बहुत ही योग्य वीर और चतुर महिला थी इतमिश ने अपनी पुत्री जिया को उसके गुणों से प्रभावित हो कर अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। वह मध्ययुग की अद्वितीय महिला थी । यद्यपि उसने इस्लामी परम्पराओं का उल्लंघन किया तथापि उसने अपनी योग्यता और वीरता से मुल्तान का पद प्राप्त किया।
गौरवपूर्ण क्रान्ति के राजनैतिक परिणाम बताइए।
रजिया का पतन
रजिया का स्त्री होना उसका सबसे बड़ा दोष था क्योंकि उस काल में दरबारी अमीर एक स्त्री द्वारा शासित होने में अपमानित अनुभव करते थे। इसके अतिरिक्त रजिया में • स्त्रियोचित दुर्बलतायें भी थीं, जिनके कारण उसका पतन हुआ। वह कुछ लोगों के साथ कुछ पक्षपात करती थी। तथा कुछ के साथ शत्रु-तुल्य व्यवहार करती थी, जिस कारण वह अमीरों में शीघ्र ही अप्रिय हो गई। याकूत नामक हब्शी के साथ उसका अनुराग अमीरों की दृष्टि में अक्षम्य था। टामस ने उसके चरित्र की आलोचना करते हुए लिखा है कि अविवाहित रानी को ऐसे व्यक्ति से प्रेम हो गया जो उसके दरबार में नियुक्त था। उसका अनुग्रह ऐसे व्यक्ति पर था, जिससे तुर्की अमीर खिन्न हुए। इसके अतिरिक्त स्वेच्छाचारी आचरण ने और इस्लामी परम्पराओं के उल्लंघन ने भी उसे लोगों के बीच अप्रिय बना दिया और सन् 1240 में उसे मौत के घाट उतार दिया गया।