राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 – शिक्षा पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त करने, एक न्यायसंगत एवं न्यायपूर्ण समाज के विकास एवं राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए • नई शिक्षा नीति 2020 एनईपी को केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दे दी गई है जिससे स्कूली एवं उच्च शिक्षा दोनों क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रूपांतरकारी सुधार के रास्ते खुल गए हैं। यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है जो 34 वर्ष (राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई), 1986 के बाद) के बाद आई है। नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा के साथ ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम बदलकर ‘शिक्षा मंत्रालय’ कर दिया गया है।

कलचुरि कौन थे? प्रारम्भिक कलचुरि शासकों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।

इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100 प्रतिशत GER के साथ पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा का सार्वभौमिकरण करना है। इस नई शिक्षा नीति 2020 में स्कूली बच्चों में से 2 करोड़ को मुख्य धारा में वापस लाने का लक्ष्य है। सबके लिए आसान पहुंच, इक्विटी, गुणवत्ता, वहनीयता एवं जवाबदेही के आधारभूत स्तम्भों पर निर्मित यह नई शिक्षा नीति सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 के अनुकूल है एवं इसका उद्देश्य 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुकूल स्कूल और कॉलेज की शिक्षा को अधिक समग्र, लचीला बनाते हुए भारत को एक ज्ञान आधारित जीवंत समाज एवं ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति में बदलना व प्रत्येक छात्र में निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है। इसके अन्तर्गत 12 वर्ष की स्कूली शिक्षा एवं 3 वर्ष की आंगनबाड़ी/ प्री-स्कूलिंग के साथ एक नया 5+3+3+4 स्कूली पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।

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