राष्ट्रीय सभा का कार्यकाल – राष्ट्रीय सभा का सामान्य कार्यकाल पाँच वर्ष है। परन्तु इस अवधि से पूर्व भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों से परामर्श करके इसे भंग कर सकते हैं। राष्ट्रपति परामर्श करने के लिए बाध्य है, परन्तु उसे मानने के लिए नहीं। एक बार सदन को भंग करने के एक साल बाद एक नए सदन को भंग नहीं किया जा सकता है, और न इसे आपातकाल में भंग किया जा सकता है।
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राष्ट्रीय सभा के सत्र (Sessions of the National Assembly)
संविधान के प्रावधान के अनुसार, यह आवश्यक है कि प्रतिवर्ष संसद के दो सत्र अवश्य बुलाए जाएँ। प्रथम सत्र 2 अक्टूबर को आरम्भ होकर 80 दिन चलता है, और दूसरा सत्र 2 अप्रैल को आरम्भ होता है तथा अधिक-से-अधिक 90 दिन चल सकता है। यदि 2 अक्टूबर या 2 अप्रैल को रविवार या अवकाश हो तो सत्र अगले दिन आरम्भ होता है। विशेष सत्र का प्रावधान भी किया गया है। विशेष अधिवेशन प्रधानमंत्री की सिफारिश पर अथवा राष्ट्रीय सभा के आधे से अधिक सदस्यों की प्रार्थना पर बुलाया जा सकता है। यदि कोई विशेष सत्र राष्ट्रीय सभा के आधे सदस्यों प्रार्थना पर बुलाया जाता है तो वह निर्धारित कार्यसूची (Agenda) पर विचार समाप्त करते ही, या अधिक-से-अधिक 12 दिन के पश्चात् अवश्य स्थगित हो जाता है। पहला सत्र समाप्त होने के एक मास के भीतर ही विशेष सत्र केवल प्रधानमंत्री की प्रार्थना पर ही बुलाया जा सकता है।