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राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों की नियुक्ति कैसे की जाती है तथा उनको पद से हटाये जाने के उपबंधों का वर्णन कीजिए।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग –

अधिनियम के अनुसार मानवीय अधिकारों की राष्ट्रीय कमीशन की संरचना केन्द्रीय सरकार करेगी। कमीशन की संरचना निम्नलिखित होगी

  • (क) अध्यक्ष या सभापति जो उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति रहा है;
  • (ख) एक सदस्य उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश रहा है;
  • (ग) एक सदस्य जो उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश है या जो रहा है;
  • (घ) दो सदस्यों की नियुक्ति ऐसे व्यक्तियों में से जिन्हें मानव अधिकारों का ज्ञान या व्यावहारिक ज्ञान है।

उपर्युक्त सदस्यों के अतिरिक्त धारा 12 के क्लाज (ख) से (ज) में उल्लिखित कार्यों के सम्पादन के लिये अल्पसंख्यकों के राष्ट्रीय कमीशन, अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के राष्ट्रीय कमीशन तथा महिलाओं के राष्ट्रीय कमीशन के अध्यक्ष भी सदस्य माने जायेंगे। इस प्रकार राष्ट्रीय कमीशन में कुल 8 सदस्य होंगे। कमीशन का एक महासचिव होगा जो मुख्य अधिकारी होगा तथा कमीशन द्वारा प्रत्यायोजित कार्य करेगा।

मानव अधिकारों के राष्ट्रीय कमीशन का मुख्यालय

मानव अधिकारों के राष्ट्रीय कमीशन का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। केन्द्रीय सरकार के पूर्व अनुमोदन से कमीशन भारत के अन्य स्थानों पर भी अपने कार्यालय स्थापित कर सकती है। साधारणतया कमीशन अपनी मीटिंग आदि दिल्ली स्थित कार्यालय में करेगी। परन्तु अपने विवेकानुसार, कमीशन अपनी मीटिंग भारत के अन्य स्थानों पर भी कर सकती है यदि वह ऐसा करना आवश्यक तथा कालोचित या समीचीन समझे। अध्यक्ष का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करके कमीशन या उसके कुछ सदस्य मुख्यालय के बाहर स्थानों पर भी कार्य सम्पादित कर सकते हैं परन्तु इसके लिये आवश्यक है कि यदि अधिनियम के अन्तर्गत जाँच के सम्बन्ध में पक्षकारों की सुनवाई होती है तो ऐसे प्रयोजन के लिये कमीशन के कम से कम दो सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

कमीशन के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति

कमीशन के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति एक समिति की संस्तुतियों पर करेगा। इस समिति के सदस्य निम्नलिखित होंगे –

  1. प्रधानमंत्री (अध्यक्ष);
  2. लोकसभा का अध्यक्ष (सदस्य);
  3. गृहमंत्री (सदस्य);
  4. लोकसभा में विपक्ष का नेता (सदस्य);

उच्चतम न्यायालय के पदासीन न्यायाधीश या उदासीन या पदासीन उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ सलाह करके ही की जा सकेगी। अध्यक्ष या किसी सदस्य की नियुक्ति इस आधार पर अवैध नहीं होगी कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में उपर्युक्त समिति के किसी सदस्य का पद रिक्त है।

सदस्यों की पदावधि

अध्यक्ष के पद पर नियुक्त व्यक्ति की पदावधि उस समय से पाँच वर्ष की होगी जब वह पद ग्रहण करता है या जब वह 70 वर्ष का हो जाता है, इसमें से जो भी पूर्व हो। सदस्य के रूप में नियुक्त व्यक्ति की पदावधि उस समय से पाँच वर्ष की होगी जब वह अपना पद ग्रहण करता है तथा उसकी पुनः नियुक्ति 5 वर्ष की दूसरी पदावधि के लिये हो सकती है। परन्तु कोई भी व्यक्ति 70 वर्ष पूरा करने पर सदस्य नहीं बना रहेगा। कमीशन के अध्यक्ष या सदस्य के कार्यकाल की समाप्ति के पश्चात् यह केन्द्रीय या राज्य सरकार के किसी पद पर नियोजन के लिये अयोग्य होगा। आयोग यह प्रावधान बढ़ा ही प्रशंसनीय है। इसी प्रकार के प्रावधान भरत के मुख्य न्यायाधीश, लोक सभा के अध्यक्ष, राज्य सभा के उपाध्यक्ष, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, गवर्नर आदि के विषय में भी होने चाहिये।

कमीशन के किसी सदस्य का पद से हटाया जाना –

अधिनियम के अनुसार, अध्यक्ष या किसी सदस्य को राष्ट्रपति के आदेश से सिद्ध दुर्व्यवहार या अक्षमता के आधार पर तभी हटाया जा सकता है तब राष्ट्रपति के निर्देशित करने पर उच्चतम न्यायालय जांच करके यह

(रिपोर्ट देता है कि अध्यक्ष या सदस्य को उक्त आधार पर हटाया जाना चाहिये। उपर्युक्त उपबन्ध के बावजूद राष्ट्रपति अध्यक्ष या किसी सदस्य को आदेश द्वारा निम्नलिखित किसी आधार पर हटा सकता है –

बेसिक शिक्षा की समस्याएं क्या हैं? संक्षिप्त विवेचन कीजिए।

  1. दिवालिया घोषित होने पर या
  2. अपने पद की अवधि में अपने पद के अतिरिक्त किसी रोजगार करने पर या
  3. मस्तिष्क या शरीर की अयोग्यता के कारण कार्य करने में अयोग्य होना; या
  4. किसी सक्षम न्यायालय द्वारा अस्वस्थ चित्त का घोषित होना; या
  5. किसी अपराध के लिये सिद्धदोष या मुजरिम होना तथा जेल जाना जो राष्ट्रपति के मत में अनैतिक (Moral turpitude) है।

उपर्युक्त में से किसी आधार पर निकाले जाने के लिये राष्ट्रपति के लिये मामले को उच्चतम न्यायालय को निर्देशित करके रिपोर्ट प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।

कमीशन की प्रक्रिया

कमीशन अपनी मीटिंग उस स्थान पर करेगा जहाँ अध्यक्ष ठीक समझता है। कमीशन अपनी प्रक्रिया स्वयं नियमित करेगा। कमीशन द्वारा लिये गये निर्णयों को महासचिव या कमीशन का कोई अन्य अधिकारी जिसे इस स्वन्ध में अध्यक्ष ने अधिकृत किया हो अधिप्रमाणित करेगा

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