राष्ट्रीय जीवन में शिक्षा के कार्य बताइए।

राष्ट्रीय जीवन में शिक्षा के कार्य मनुष्य जिस देश में जन्म लेता है और जहाँ का वह नागरिक होता है उसके प्रति उसके कुछ कर्तव्य हो जाते हैं जिन्हें उसे पूरा करना पड़ता है, तभी राष्ट्र उन्नति की दिशा में अग्रसर होता है। प्रत्येक राष्ट्र की इकाई नागरिक होता है और उसके नैतिक स्तर पर प्रभाव राष्ट्रीय जीवन पर भी पड़ता। है। मैकाइवर और पेज के अनुसार, “राष्ट्र का गुण, उसकी सामाजिक इकाइयों का गुण है अर्थात् सामाजिक इकाइयों का सामूहिक जीवन ही राष्ट्रीय जीवन है। यदि ईंधन खराब है, तो ज्योति कैसे तेज हो सकती है। अर्थात् यदि सामाजिक इकाइयाँ निर्बल हैं तो राष्ट्र कैसे देदीप्यमान हो सकता है।”

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अतः स्पष्ट है राष्ट्र और उसके निवासियों का एक-दूसरे से घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। राष्ट्र की उन्नति तभी हो सकती है, जब उसके नागरिक श्रेष्ठ हो। उनको ऐसा बनाना ही राष्ट्रीय जीवन में शिक्षा का कार्य है।

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