राष्ट्रीय आयोग में अपील की सुनवाई की प्रक्रिया का वर्णन कीजिये।

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राष्ट्रीय आयोग में अपील की सुनवाई की प्रक्रिया

(1) याचिकाकर्त्ता द्वारा ‘अपील’ करना (Act for Appeal) – ऐसे समस्त उपभोक्ता जो कि राज्य आयोग के निर्णय से सन्तुष्ट नहीं होते, उन्हें अपील करने के लिए एक ‘स्मरण-पत्र’ (Memorandum), जो कि राष्ट्रीय आयोग के कार्यालय से प्राप्त होता है को भर कर व्यक्तिगत रूप से डाक द्वारा भेजा जाता है। [धारा 165 (1) ]

(2) स्मरण पत्र का प्रारूप (Form of Memorandum) यह प्रपत्र विभिन्न शीर्षकों में बंटा हुआ होता है, जिनमें अपील के आधारों का उल्लेख होता है (नियम 15 (2))

(3) निर्णय की प्रति संलग्न करना (Inclusion of the copy of order)- स्मरण पत्र के साथ वह प्रतिलिपि भी संलग्न की जाएगी जो कि निर्णय के आदेश के रूप में (राज्य आयोग द्वारा ‘आवार्ड’ के रूप में) निर्गमित/प्रस्तुत की गई थी और जिससे उपभोक्ता सन्तुष्ट नहीं था। [ धारा 15 (3) ]

(4) साक्ष्य / प्रमाण प्रस्तुत करना (Presentation of Exicence) उपभोक्ता द्वारा अपील क्यों की जा रही है, इस तथ्य की पुष्टि निमित्त विभिन्न ऐसे साक्ष्य भी प्रस्तुत करने पड़ेंगे जिससे कि अपील का औचित्य सिद्ध हो सके। [ धारा 15 (3)]

(5) निर्धारित अवधि की समाप्ति के पश्चात् अपीत (Apeal after the Prescribed Time) – राज्य आयोग द्वारा दिए गए निर्णय के पश्चात् यदि 30 दिन के भीतर भी उपभोक्ता द्वारा अपील नहीं की जाती है तो इन दिनों के पश्चात् उसे इस आशय का शपथ-पत्र (Affidavit) भी प्रस्तुत करना होगा कि जिससे राष्ट्रीय आयोग अपील पर सन्तुष्ट होकर उसे तथ्यों के आधार पर स्वीकार कर सके। [ धारा 15 (4))

(6) प्रतियों की संख्या (Number of Copies) – असंतुष्ट उपभोक्ता द्वारा अपील ” करते समय स्मरण पत्र की छः प्रतिलिपियों संलग्न करना अनिवार्य होता है। [ धारा 15 (5))

(7) सुनवाई पर उपस्थिति (Presentament on hearing) प्रत्येक अपीलार्थी या उसके एजेण्ट का अपील की बहस के समय उपस्थित होना अनिवार्य है, अन्यथा राष्ट्रीय आयोग ऐसे पक्षकारों की अनुपस्थिति की दशा में अपील को निरस्त (Cancel करने का अधिकार रखता है यदि बचाव पक्ष (defendant) का कोई पक्षकार एजेण्ट सुनवाई के समय उपस्थित नहीं होता है तो आयोग एक पक्षीय निर्णय दे सकता है। धारा 15 (6) ]

(8) अपील के अन्य आधार (Extra bases of Appeal) राष्ट्रीय आयोग के समक्ष यदि जाना पड़े तो कोई भी उपभोक्ता उन साक्ष्यों के अतिरिक्त अन्य साक्ष्यों पर बहस नहीं कर सकेगा जो कि स्मरण- पत्र में पूर्व में दिए जा चुके हैं, परन्तु, आयोग को यदि ऐसा प्रतीत होता है कि निर्णय में उक्त साक्ष्यों के अतिरिक्त अन्य साक्ष्य भी सहायता दे सकते हैं तो वह अतिरिक्त प्रमाणों/ राक्ष्यों को भी स्वीकार कर सकता है। [धारा 15 (7))

(9) अपील पर निर्णय का स्थगन (Postponement on Appeal) राष्ट्रीय आयोग जहाँ तक सम्भव होगा नियामनुसार अपील पर 90 दिन के भीतर निर्णय प्रतिपादित करेगा परन्तु एक बार के लिए निर्णय को आगामी तिथि तक के लिए आयोग द्वारा स्थगित किया जा सकता है। धारा 15 (8)]

अध्यापकों की स्थिति में सुधार के सम्बन्ध में मुदालियर आयोग के सुझाव

(10) आदेश पर हस्ताक्षर एवं संवहन (Singuature and Communication) – राष्ट्रीय आयोग द्वारा अपील पर जो भी निर्णय दिया जाएगा उस पर आयोग के सभापति सहित सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होंगे एवं उस आदेश से सम्बन्धित समस्त पक्षकारों को ‘अवार्ड’ (निर्णय) की प्रतिलिपियों निःशुल्क वितरित की जाएंगी।

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