राष्ट्रपति का निषेधाधिकार – संसद द्वारा पारित प्रत्येक विधेयक राष्ट्रपति के सामने उनकी स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाता है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के पश्चात् ही कानून का रूप धारण करता है। वह विधेयक को अपनी इच्छानुसार स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है। वह साधारण विधेयक को कुछ सुझावों के साथ पुनः विचार के लिए संसद को लौटा सकता है, लेकिन यदि यह विधेयक संसद द्वारा पुनः संशोधनों या बिना संशोधनों के पारित कर दिया जाता है, तो राष्ट्रपति को दूसरी बार उसे स्वीकृति देनी पड़ेगी। इस प्रकार राष्ट्रपति की निषेधाधिकार शक्ति अन्तिम नहीं है और इस सम्बन्ध में अमरीकी राष्ट्रपति की शक्ति वास्तविक तथा अधिक प्रभावशाली है, क्योंकि यहाँ पर राष्ट्रपति द्वारा अस्वीकृति विधेयक को दूसरी बार पास होने के लिए कांग्रेस के प्रत्येक सदन में 2/3 बहुमत प्राप्त करना आवश्यक है, जो सामान्यतया सम्भव नहीं है।