राज्य मानव अधिकार आयोग पर टिप्पणी लिखिये।

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राज्य मानव अधिकार आयोग

राज्य मानव अधिकार आयोगों का गठन

(1) राज्य सरकार, इस अध्याय के अधीन राज्य आयोग को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने के लिए और सौंपे गए कृत्यों का पालन करने के लिए एक निकाय का गठन कर सकेगा। जिसका नाम…… (राज्य का नाम) मानव अधिकार आयोग होगा।

(2) राज्य आयोग ऐसी तारीख से, जो राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करें, निम्नलिखित से मिलकर बनेगा, अर्थात्

  • (क) एक अध्यक्ष, जो किसी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति रहा है।
  • (ख) एक सदस्य, जो किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश है या रहा है या राज्य में जिला न्यायालय का न्यायाधीश है या रहा है और जिसे जिला न्यायाधीश के रूप में कम-से-कम सात वर्ष का अनुभव है।
  • (ग) एक सदस्य, जो ऐसे व्यक्तियों में से नियुक्त किया जाएगा जिन्हें मानव अधिकारों से सम्बन्धित विषयों का ज्ञान व व्यावहारिक अनुभव है।

(3) एक सचिव होगा, जो राज्य आयोग का मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा और वह राज्य आयोग की ऐसी शक्तियों का प्रयोग और ऐसे कृत्यों का निर्वहन करेगा, जो राज्य आयोग उसे प्रत्यायोजित करे।

(4) राज्य आयोग का मुख्यालय ऐसे स्थान पर होगा जो राज्यसरकार अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे।

राज्य आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति

(1) राज्यपाल अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा अध्यक्ष और सदस्यों को नियुक्त करेगा। परन्तु इस उपधारा के अधीन प्रत्येक नियुक्ति ऐसी समिति की सिफारिशें प्राप्त होने के पश्चात् की जाएगी जो निम्नलिखित से मिलकर बनेगी, अर्थात्

  • (क) मुख्यमन्त्री अध्यक्ष
  • (ख) विधानसभा का अध्यक्ष सदस्य
  • (ग) उस राज्य के गृह विभाग का भारसाधक मन्त्री सदस्य
  • (घ) विधानसभा में विपक्ष का नेता सदस्य

(2) परन्तु यह और कि जहाँ किसी राज्य में विधान परिषद् है वहाँ उस परिषद् का सभापति और उसे परिषद् में विपक्ष का नेता भी समिति के सदस्य होंगे।

(3) परन्तु यह और भी कि उच्च न्यायालय का कोई आसीन न्यायाधीश या कोई आसीन जिला न्यायाधीश, सम्बन्धित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करने के पश्चात् ही नियुक्त किया जाएगा अन्यथा नहीं।

राज्य आयोग की वार्षिक और विशेष रिपोर्टें

राज्य आयोग, राज्य सरकार को वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा और किसी भी समय ऐसे विषय पर, जो उसकी राय में इतना अत्यावश्यक या महत्वपूर्ण है कि उसको वार्षिक रिपोर्ट के प्रस्तुत किए जाने तक स्थगित नहीं किया जाना चाहिए, विशेष रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकेगा।

समाजशास्त्र और राजनीतिशास्त्र मध्य सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए

राज्य सरकार, राज्य आयोग की वार्षिक और विशेष रिपोटों को राज्य आयोग की सिफारियों पर की गई या की जाने के लिए प्रस्तावित कार्यवाही के ज्ञापन सहित और सिफारिशों की अस्वीकृति के कारणों सहित, यदि कोई हो, जहाँ राज्य विधानमण्डल दो सदनों से मिलकर बनता है वहाँ प्रत्येक सदन के समक्ष या जहाँ ऐसा विधानमण्डल एक सदन से मिलकर बनता है। वहाँ उस सदन के समक्ष रखवाएगी।

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