पृथ्वीराज तृतीय के विरुद्ध मुहम्मद गोरी की विजय के कारणों का वर्णन कीजिए।

पृथ्वीराज तृतीय एक वीर योद्धा और सफल सेनापति था तथापि वह तराइन के द्वितीय युद्ध में मुहम्मद गोरी द्वारा पराजित हो गया। इस पराजय के प्रमुख कारण निम्न ये

  1. तराइन के प्रथम युद्ध में पराजित गोरी को जीवित छोड़ देना तथा भागती हुई तुर्क सेना कासफाया न करना उसकी एक बड़ी भूल सिद्ध हुई।
  2. गोरी ने छल युद्ध की नीति को अपनाया तथा विश्राम करती हुई सेना पर अत्यन्त भीषण आक्रमण कर उसमें भगदड़ मचा दी। राजपूत सेना सम्मल न सकी और शीघ्र ही उसके पैर उखड़ गये।
  3. जयचन्द के प्रति पृथ्वीराज की नीतियाँ भी उसके पराजय में सहायक रहीं। यदि पृथ्वीराज संयोगिता का अपहरण न करता तो शायद उसे जयचन्द के विरोध का सामना न करना पड़ता।
  4. तराइन के प्रथम युद्ध में विजय प्राप्त कर पृथ्वीराज भोग-विलास में डूब गया।
  5. मुहम्मद गोरी एक बुद्धिमान और दूरदर्शी शासक था। उसने पृथ्वीराज को भ्रम में डाल दिया और फिर एकाएक भयंकर आक्रमण कर दिया जिससे राजपूत सेना पराजित हो गयी।

निर्देशित परामर्श से आप क्या समझते हैं ?

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