Ancient History

पृथ्वीराज तृतीय (चाहमान) कौन था?

पृथ्वीराज तृतीय सोमेश्वर का पुत्र था। इसकी माता का नाम कर्पूर देवी था। यह इस वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक हुआ। इसने मात्र 15 वर्ष की उम्र में राजगद्दी सम्भाली। शासन के प्रारम्भिक वर्षों में उसकी माता कर्पूर देवी ने शासन काल में उसकी बहुत सहायता की। राजसत्ता पाने के ही समय बाद विग्रहराज के पुत्र नागार्जुन ने उसके खिलाफ विद्रोह कर दिया और गुणपुर के क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। पृथ्वीराज ने इस विद्रोह को दबाने के लिए नागार्जुन पर आक्रमण किया। नागार्जुन भयभीत होकर भाग खड़ा हुआ, उसके पकड़े गये साथियों के सिरों को काटकर पृथ्वीराज ने अजमेर के किले के फाटक पर टांग दिया। पृथ्वीराज तृतीय एक वीर और साहसी शासक था।

उसने चन्देल शासक परमर्दिदेव पर विजय प्राप्त की। उसने आधुनिक हरियाणा राज्य में स्थित भाडानक राज्य पर भी विजय प्राप्त की थी। पृथ्वीराज का चालुक्य नरेश भीम द्वितीय से भी संघर्ष हुआ था लेकिन बाद में दोनों के मध्य सन्धि हो गयी। गहड़वाल नरेश जयचन्द से पृथ्वीराज की शत्रुता थी। इस शत्रुता का कारण था पृथ्वीराज द्वारा जयचन्द की पुत्री संयोगिता का अपहरण यही शत्रुता मुहम्मद गोरी के विरुद्ध पृथ्वीराज की पराजय का कारण भी बनी।

नागभट्ट प्रथम का इतिहास लिखिए।

पृथ्वीराज चाहमान (चौहान) को मध्य एशिया के गोर शासक मुहम्मद गोरी के आक्रमण का भी सामना करना पड़ा। तराइन के प्रथम युद्ध में (1191 ई.) में पृथ्वीराज ने मुहम्मद गोरी को पराजित कर दिया परन्तु अगले वर्ष 1192 ई. में होने वाले तराइन के दूसरे युद्ध में मुहम्मद गोरी की विजय हुई और पृथ्वीराज परास्त हो गया। इसी के साथ ही भारत में चाहमान वंश का अन्त और मुस्लिम शासन का प्रारम्भ हुआ।

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