प्रिवी परिषद से क्या तात्पर्य है?

0
41

मन्त्रिमण्डल से पहले प्रिवी परिषद् का अध्ययन आवश्यक है क्योंकि यह मन्त्रिमण्डल की जननी है। स्वयं प्रिवी परिषद लघु परिषद् से जन्मी है। लघु परिषद् नार्मन राजाओं को सलाह दिया करती थी, परन्तु जब इसका आकार बहुत बढ़ गया तो राजाओं ने थोड़े से प्रभावशाली सदस्यों की सलाह लेनी शुरू कर दी और उन्हीं से प्रिवी परिषद् के उद्गम से 15वीं शब्दी में लघु परिषद् का लोप हो गया। परन्तु परिषद् की यह विशेषता है कि कैबिनेट के उद्गम के बाद भी इसका लोप नहीं हुआ।

प्रभावशाली न होते हुए भी औपचारिक संस्था के रूप में यह आज भी मौजूद है। मुनरों के शब्दों में प्रिवी परिषद् आज भी ब्रिटिश शासन की मशीनरी का एक आवश्यक भाग है। ब्रिटेन की प्राचीनतम राजनीतिक संस्थाओं में राजतन्त्र के बाद दूसरा स्थान प्रिवी परिषद का ही है।

प्रदत्त व्यवस्थापन (प्रयोजित विधायन) क्या है? इसके क्या गुण-दोषों का वर्णन कीजिये।

प्रिवी परिषद् की सदस्य संख्या लगभग 350 हैं। सदस्यों की इस लम्बी सूची में कैन्टरबरी तथा यार्क के आर्चबिशप, लन्दन का विशप, कानूनी लार्ड, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश,राजदूत, कॉमन सदन का अध्यक्ष, वर्तमान तथा अतीत के मन्त्रिमण्डलों के सदस्य तथा वे व्यक्ति सम्मिलित हैं जिन्होंने कला, विज्ञान तथा साहित्य के क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त की है। मानस्वरूप इन्हें राइट ऑनरेबल की उपाधि दी जाती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here