प्राथमिक शिक्षा से क्या तात्पर्य है?

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प्राथमिक शिक्षा से तात्पर्य यह है कि भारत में 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु अनिवार्य शिक्षा का प्रबन्ध किया जाये सभी उसमें अपने आपको आगे लायें और समुचित शिक्षा को ग्रहण करें। जब तक प्रत्येक गाँव-गाँव में प्राथमिक शिक्षा का प्रबन्ध नहीं किया जायेगा तब तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण सम्भव नहीं हो पायेगा। इस सम्बन्ध में विभिन्न प्रकार की समस्याएँ भी आती हैं जिनमें संसाधनों की कमी प्रमुख है। भारत में संसाधन तो बहुत हैं परन्तु उनका उपयोग उचित ढंग से नहीं किया जा रहा है। इस प्रकार हमें चाहिए कि हम उन संसाधनों को आगे बढ़ाने में सरकार की मदद करें। भारतवर्ष में जनसहयोग की कमी भी है। इस प्रकार प्राथमिक शिक्षा में अड़चन आयी है। भारत में शिक्षा का प्रसार करना सरकार हेतु एक बड़ी चुनौती बना हुआ। है।

स्थानन सेवा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

इससे निपटने हेतु केन्द्रीय व प्रांतीय सरकारें अपने शिक्षा बजट में वृद्धि करें और उस बजट का सबसे अधिक भाग प्राथमिक शिक्षा पर व्यय करें प्रांतीय सरकारों को यह देखना चाहिए कि प्राथमिक शिक्षा के लिए जो भी योजनाएँ प्रस्तावित हों उन्हें सुचारु रूप से चलाने का दायित्व केन्द्र सरकार का भी बनता है।

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