प्राचीन भारत में स्त्रियाँ’ विषय पर टिप्पणी लिखिए।

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प्राचीन भारत में स्त्रियाँ

भारतीय समाज में प्राचीनकाल में स्त्रियों का विशेष सम्मान था। वैदिक कालीन स्त्रियों को पुरुषों के बराबर अधिकार मिले हुए थे। पत्नी को परिवार का महत्वपूर्ण अंग माना जाता था। उसकी इच्छा के विरुद्ध गृहस्वामी कोई कार्य नहीं करता था। उसकी शिक्षा-दीक्षा का उचित प्रबन्ध होता था। कुमारी युवतियों को शिक्षा प्राप्त करने और ज्ञान की विभिन्न शाखाओं के अध्ययन करने के समान अवसर प्रदान किए जाते थे। वे विभिन्न प्रकार की ललित कलाओं का अध्ययन करती थी। पर्दा प्रथा का प्रचलन नहीं था। पति के साथ पत्नी सामाजिक समारोहों में भाग लेने जाया करती थी। प्रत्येक धार्मिक कृत्य में पुरुष के साथ स्त्री का होना आवश्यक माना जाता था।

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कन्याओं को अपनी इच्छानुसार स्वयंवर द्वारा अपना पति चुनने का अधिकार था। भारत मे दहेज प्रथा का अभी प्रचलन नहीं था। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि इस काल में पुरुषों और स्त्रियों में कोई भेदभाव नहीं किया जाता था तथा दोनों को समान स्वतन्त्रता एवं अधिकार मिले हुए थे।

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