पूर्व-प्राथमिक शिक्षा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।

पूर्व-प्राथमिक शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्य है

(1) बालको के लिए सुरक्षित एवं सुदृढ़ वातावरण का निर्माण-

बाल-हितैषी वातावरण सुनिश्चित करना जहां प्रत्येक बच्चे को महत्व दिया जाए, उसे आदर मिले, वह सुरक्षा एवं सुदृढ़ता का अनुभव करें एवं एक सकारात्मक आत्मधारण विकसित करे। बालकों में उचित एवं स्पष्ट भाषा के माध्यम से विचार तथा भावों के प्रदर्शन की योग्यता का विकास करना।

(2) जीवन कौशलों का निर्माण-

सभी बच्चों को अपनी क्षमता के अनुसार अपने कौशल को सीखने एवं विकसित करने में सक्षम बनाना। साथ ही अच्छे स्वास्थ्य, खुशहाली, पोषण, स्वस्थ आदतें एवं स्वच्छता सम्बन्धी स्वस्थ आदतों का विकास करना एवं दैनिक जीवन कौशलों का विकास करना ।

बेसिक शिक्षा पर महात्मा गाँधी के विचारों की विवेचन कीजिए।

(3) शैक्षिक वातावरण की पूर्व तैयारी करना-

बच्चों को प्रभावी संप्रेषक बनाने एवं ग्रहणशील एवं भावबोधक दोनों भाषाओं को विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए संचारकौशल का अभ्यास कराना। उन कौशलों का विकास करना जिससे शारीरिक एवं गत्यात्मक क्रियाएं विकसित हो सकें। बालकों में बोलने, सुनने के कौशलों को विकसित करना तथा पढ़ने लिखने की पूर्व तैयारी करना।

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