प्लेटो, राज्य में एकता को पारिवारिक एकता की दृष्टि से देखता है एवं राज्य को एक परिवार मानता है। शायद इसीलिये परिवार विषयक साम्यवाद की अवधारणा का प्रतिपादन किया जिसमें शासक वर्ग राज्य को एक परिवार माने और जनता को अपने पुत्र के समान।
प्लेटो स्वार्थ की शिक्षा पद्धति के अनुकूल राज्य द्वारा नियंत्रित शिक्षा व्यवस्था का समर्थन करता है। उसके अनुसार नागरिकों को शिक्षा प्रदान करना राज्य का सर्वप्रथम एवं श्रेष्ठ कर्त्तव्य है। अतः राज्य एक विश्वविद्यालय है।
प्लेटो ईश्वरवादी है परन्तु धार्मिक नहीं अर्थात् किसी धर्म विशेष का समर्थन नहीं करता है। यहाँ चर्च से अभिप्राय व्यक्ति की ‘आस्था एवं विकास’ के केन्द्र से है साथ ही साथ यह एक नैतिक एवं आध्यात्मिक संस्था है। चर्च के ये सभी गुण प्लेटो के राज्य में विद्यमान हैं। इसके अलावा प्रतीक रूप चर्च ईश्वर का स्थान है। आत्मा भी ईश्वर का अंश और राज्य आत्मा का साक्षात रूप हैं। इस प्रकार भी इसकी तुलना चर्च से की जा सकती है। है अतः कहा जा सकता है कि प्लेटो का राज्य एक परिवार, विश्वविद्यालय और चर्च है।