पिछड़ी जातियों के विकास की रणनीतियों की व्याख्या कीजिए।

0
20

पिछड़ी जातियों के विकास- जहां तक निर्बल या कमजोर वर्ग के लोगों के सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक विकास का प्रश्न है, इस दिशा में विविध सरकारी साधन क्रियाशील है। छठवीं पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत व्यापक आर्थिक पोषष प्रदान कर विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़ी जाति के समग्र से 5 प्रतिशत परिवारों को गरीबी रेखा के ऊपर उठाने का प्रावधान रहा। औपचारिक तौर पर 80.71 लाख अनुसूचित जाति के परिवारों और 30.06 लाख जनजातीय परिवारों को गरीबी रेखा से स्तरोन्नत किया गया। इसी योजना में केन्द्रीय सरकार के आर्थिक पोषण द्वारा राज्यों में अनुसूचित जाति विकास निगमों की स्थापना की गयी। सातवीं पंचवर्षीय योजना में इसे उत्तरोत्तर अग्रसर करने के कार्यक्रम संचालित हुए तथा समन्वित जनजातीय विकास कार्यक्रम संचालित किया गया। सातवीं योजना के अन्तर्गत क्रमश:

भारतीय संविधान में शैशवपूर्व परिचर्या तथा शिशु देखभाल के विषय में क्या प्रावधान किये गये हैं? वर्णन कीजिए।

  1. समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम,
  2. राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कार्यक्रम,
  3. ग्रामीण भूमिहीन रोजगार प्रतिभूति कार्यक्रम,
  4. अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के विकास हेतु सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक कार्यक्रम आदि विशेष प्रभावी कदम है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here