फ्रांसीसी संविधान के विकास का विवरण दीजिए।

फ्रांस के संविधान का विकास-निम्नलिखित प्रकार से हुआ

प्राचीन शासन

महान क्रान्ति (1789 ई.) के पूर्व फ्रांस में निरंकुश शासनतंत्र था, किन्तु क्रांति के बाद फ्रांस का प्रथम लिखित संविधान 1791 ई. में बनाया गया। प्रथम फ्रांसीसी प्रजातंत्रीय शासन की स्थापना जैकोविन्स ने 24 जून, 1793 ई. को की थी। इसके द्वारा प्रत्यक्ष निर्वाचन, मताधिकार चौबीस सदस्यीय कार्यपालिका की व्यवस्था की गयी। लेकिन 22 अगस्त, 1995 ई. को एक नये संविधान का निर्माण किया गया। इस संविधान के अनुसार विधायनी शक्ति 500 सदस्यीय कौंसिल और वृद्ध पुरुषों की कौंसिल को दी गयी, लेकिन मात्र चार वर्षों बाद 1799 ई. में नैपोलियन बोनापार्ट ने सम्पूर्ण शासन सत्ता पर कब्जा कर लिया और एक नवीन संविधान द्वारा फ्रांस का शासन संचालन शुरू किया। सन् 1804 ई. में जब कांसलेट भी समाप्त हो गया, तो फ्रांस का सम्राट स्वयं नैपोलियन बन बैठा। इससे फ्रांस की प्रजातंत्रीय शासन व्यवस्था समाप्त हो गयी। लेकिन इस व्यवस्था का भी अंत 1814 में हो गया और पुनः फ्रांस एक नई शासन व्यवस्था से शासित हुआ, जिसे संवैधानिक राजतंत्र कहा जाता है।

द्वितीय गणतंत्र (1830 )

फ्रांस में 10 दिसम्बर, 1948 ई. को द्वितीय गणतंत्र की स्थापना की गयी। संविधान की संरचना अमेरिकन संविधान के अनुसार की गयी। संविधान में शक्ति विभाजन के सिद्धान्त का पालन किया गया तथा जनता के हाथ में सत्ता का हस्तान्तरण हुआ। राष्ट्रपति को कार्यकारिणी शक्ति सौंपी गयी। एक सदनीय विधान मण्डल स्थापित किया गया। यह व्यवस्था भी दीर्घकाल तक स्थायी नहीं रही और 1852 ई. में एक नया संविधान बनाया गया। फ्रांस में गणतंत्रीय व्यवस्था नहीं चल सकी और द्वितीय साम्राज्य की स्थापना नैपोलियन तृतीय ने की। लेकिन फ्रांस, जर्मन युद्ध में उसकी पराजय हुयी और साम्राज्य का भी अंत हो गया।

तृतीय गणतंत्र (1870 )

फ्रांस में जो पुनः प्रजातंत्र की स्थापना प्रभाव शुरू किया गया, वह असफल रहा। 1873 ई. में निर्मित सार्वजनिक शक्तियों के संगठन का एक विधेयक तैयार किया गया, जिसके आधार पर 1875 में एक नया संविधान निर्मित किया गया। 1875 का संविधान एक शताब्दी के संवैधानिक विकास का परिणाम था। यह क्रांतियों का प्रभाव था, राजा का स्थान राष्ट्रीय सभा द्वारा निर्वाचित राष्ट्रपति ने लिया और द्विसदनीय विधानमण्डल की स्थापना हुयी।

चतुर्थ गणतंत्र (1940)

द्वितीय महायुद्ध की शुरुआत हुयी तृतीय गणतंत्र को 1940 में पराजय का सामना करना पड़ा। संसद के अधिकांश सदस्यों की सोच थी कि इस व्यवस्था को समाप्त किया जाना चाहिए। एक संवैधानिक विधि गणतंत्र शासन को एक उपयुक्त संविधान निर्माण अधिकार दिया गया। अंग्रेजी सरकार ने डिगाल को नेतृत्व प्रदान कर सेना के संगठन का भी अधिकार दिया। 2 अक्टूबर, 1943 ई. की घोषणानुसार डिगाल की सत्ता स्थापित हुई। 21 अक्टूबर, 1945 ई. तक प्रथम विधान परिषद निर्वाचन हुआ, जिसे संविधान निर्माण का कार्य सौंपा गया। नवीन संविधान 27 अक्टूबर, 1946 को लागू हुआ जिसके अन्तर्गत फ्रांस के चतुर्थ गणतंत्र का जन्म हुआ।

पाचवाँ गणतंत्र (1958)

फ्रांस का चौथा गणतंत्र भी अधिक समय तक नहीं चला और न शासन में कोई क्रांतिकारी परिवर्तन ही हुआ। चतुर्थ गणतंत्र का संविधान किसी विशेष राजदर्शन के अनुसार स्वीकार कर लिया गया। इस संविधान को ही पाँचवा गणतंत्र का संविधान कहा जाता है। 5 अक्टूबर, 1958 को यह संविधान लागू हुआ। इसके जनक जनरल डिगाल ही थे।

मानव स्वभाव तथा प्राकृतिक अधिकार विषयक लॉक के विचारों स्पष्ट कीजिए।

पाचवा गणतंत्र का नवीन संविधान 40 पृष्ठों का लिखित आलेख है जिसमें 91 अनुच्छेद हैं। अनुच्छेद 2 के अनुसार फ्रांस अभिभाज्य, धर्मनिरपेक्ष, प्रजातांत्रिक और सामाजिक गणतंत्र है। स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व ही राष्ट्र के आदर्श हैं। अनुच्छेद 3 के अनुसार राष्ट्रीय प्रभुता जनता में निहित है और उसका प्रयोग जनता अपने प्रतिनिधियों तथा लोक निर्णय द्वारा करेगी।

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