फ्रांसीसी राष्ट्रीय सभा पर एक निबन्ध लिखिए।

फ्रांसीसी राष्ट्रीय सभा – फ्रांस की व्यवस्थापिका को संसद के नाम से जाना जाता है। फ्रांस की संसद की उत्पत्ति और विकास के पीछे एक लम्बा इतिहास रहा है। देश की राजनीतिक व्यवस्था में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है।

पंचम गणतंत्र में संसद –

पंचम गणतंत्र में संसद का स्वरूप द्विसदनात्मक है। संस्थागत शक्तियों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। द्वितीय सदन का नाम सीनेट (Senate) रख दिया गया है। प्रथम सदन का नाम राष्ट्रीय सभा (National Assembly) ही है।

वर्तमान संसद की रचना

  1. राष्ट्रीय सभा (National Assembly)
  2. सीनेट (Senate)

(1) राष्ट्रीय सभा

फ्रांस की संसद का निम्न और लोकप्रिय सदन है। पंचम गणतंत्र – में इसकी कुल सदस्य संख्या 465 निर्धारित की गई थी, लेकिन वर्तमान में इसकी सदस्य संख्या 577 है। नवीन संविधान के अनुसार इसके सदस्यों (Deputers) का निर्वाचन व्यापक, प्रत्यक्ष, समान और गुप्त मताधिकार के आधार पर होता है। सभी वयस्क नागरिकों को मतदान का अधिकार प्रदान किया गया है। देश को समान 577 निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से एक प्रतिनिधि निर्वाचित होता है।

(2) सीनेट

द्वितीय सदन अर्थात् सीनेट में स्थानीय स्वशासन की इकाइयों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। इसकी सदस्य संख्या राष्ट्रीय सभा के सदस्यों से अधिक नहीं हो सकती है। सदस्यों का निर्वाचन व्यापक अप्रत्यक्ष मताधिकार के आधार पर होता है। फ्रांस के प्रादेशिक विभागों तक प्रवासी नागरिकों का प्रतिनिधित्व इसी सदन में होता है।

कार्यकाल

वर्तमान संविधान के अन्तर्गत राष्ट्रीय सभा का कार्यकाल 5 वर्ष का है। लेकिन इस अवधि से पूर्व भी इसका प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों के सभापतियों की मंत्रणा से राष्ट्रपति द्वारा विघटन किया जा सकता है। इसको भंग करने में राष्ट्रपति का प्रमुख हाय होता है। प्रधानमंत्री और सदनों के सभापतियों को केवल परामर्श देने का अधिकार है। राष्ट्रीय सभा के विघटित होने के कम से कम 20 दिन बाद या अधिक से अधिक 40 दिन बाद प्राप्त इसका पुनर्निर्वाचन होना आवश्यक है। पुनर्निर्वाचन के पश्चात् एक वर्ष के अन्दर सदन का पुनः विघटन नहीं किया जा सकता है।

सीनेट एक स्थाई सदन है। इसके सदस्य 9 वर्ष के लिए निर्वाचित किये जाते हैं और प्रति तीसरे वर्ष इसके एक तिहाई सदस्य अवकाश प्राप्त करते हैं। इस सदन का विघटन नहीं हो सकता। इसकी बैठकें राष्ट्रीय सभा के साथ होती है। बैठकें सार्वजनिक और गुप्त दोनों प्रकार की होती हैं।

निर्वाचन

राष्ट्रीय सभा के सदस्य वयस्क मताधिकार के आधार पर जनता द्वारा चुने जाते हैं। संविधान में व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक सदन का चुनाव कब हो, उनमें कितने सदस्य हों, उनको कितना वेतन मिले और सदस्यता के लिए अपेक्षित योग्यताएं क्या हो? यह भी निर्धारित किया गया है कि रिक्त स्थान के लिए चुनाव कैसे हों, उप चुनावों की पद्धति क्या हो? वर्तमान में फ्रांस की राष्ट्रीय सभा के 577 प्रतिनिधियों का चुनाव करने के लिए दो बार मतदान के साथ एक सदस्यीय पद्धति का प्रयोग होता है। इसके अनुसार मतदान में वह

उम्मीदवार विजयी घोषित होता है, जिसे कम से कम डाले हुए मतों का 50 प्रतिशत +1 मत मिले और एक सप्ताह बाद होने वाले मतदान में जिसे कुछ मतदाताओं की संख्या 1/4 अथवा सबसे अधिक मत मिलें, वह उम्मीदवार विजयी होता है। निर्वाचन हेतु सम्पूर्ण फ्रांस को 577 क्षेत्रों में बांटा जाता है। मतदान पूर्णतः गुप्त रीति से होता है। यह दो गुप्त मतदान प्रणाली इसलिए बनाई गयी है कि उससे वामपंथी दलों की सफलता की सम्भावना घटे। अगर पहले मतदान में कोई उम्मीदवार पूर्ण बहुमत पाने में असफल रहा, तो दूसरे मतदान में दूसरे दल मिलकर उसे हटाने के लिए एक हो सकते हैं। इसी आधार पर पांचवें गणतंत्र के प्रथम चुनाव में साम्यवादियों की पराजय हुई। राष्ट्रीय सभा के प्रत्यक्षी की आयु कम से कम 23 वर्ष होना आवश्यक है। चुनाव 5 वर्षों की अवधि के लिए होता है। व्यवस्थापिका के द्वितीय सदन सीनेट के चुनाव के बारे में संविधान में कहा गया है कि सीनेटरों का चुनाव सर्वव्यापी मताधिकार चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होगा। सीनेट के लिए प्रत्यासी की आयु 35 वर्ष होनी चाहिए। सीनेट का चुनाव 9 वर्ष की अवधि के लिए होता है और प्रति 3 वर्ष में 1/2 सदस्य चुने जाते हैं। सीनेट भारत की राज्य सभा के समान एक स्थाई निकाय है। सीनेट के सदस्यों की संख्या 230 है।

सांसदों के अधिकार

संसद के सदस्यों को अनेक विशेषाधिकार और उन्मुकि प्राप्त हैं। संसद में प्रकट किये गये विचारों के आधार पर न तो किसी संसद सदस्य को गिरफ्तार किया जा सकता है, न रोका जा सकता है और न ही उस पर मुकदमा चलाया जा सकता है। किसी भी सदन के सदस्य को बिना सदन की अनुमति के बन्दी नहीं बनाया जा सकता। जिस समय संसद का अधिवेशन नहीं हो रहा हो, उस समय किसी सदस्य को राष्ट्रीय सभा की कार्यकारिणी से अनुमति लेकर ही गिरफ्तार किया जा सकता है और यदि सभा चाहे तो गिरफ्तार किये जाने पर भी संसद सदस्य छूट सकता है।

अधिवेशन

फ्रांसीसी सदन की आमतौर से वर्ष में दो बैठकें होती हैं। संसद का प्रथम अधिवेशन अक्टूबर के पहल मंगलवार से आरम्भ होकर दिसम्बर के तीसरे शुक्रवार तक चलता है। संसद का द्वितीय अधिवेशन अप्रैल के अन्तिम मंगलवार से लगभग 3 माह तक चलता है। द्वितीय अधिवेशन या तो प्रधानमंत्री के अनुरोध पर या राष्ट्रीय सभा के बहुमत निर्णय पर बुलाया जाता है। असाधारण अधिवेशनों का उद्घाटन और समापन राष्ट्रपति के द्वारा के किया जाता है। राष्ट्रीय सभा के द्वारा नियंत्रित अधिवेशन 12 दिन से अधिक नहीं चल सकता और यदि कार्यक्रम पहले ही समाप्त हो जाता है। राष्ट्रीय सभा के द्वारा नियंत्रित अधिवेशन 12 दिन से अधिक नहीं चल सकता और यदि कार्यक्रम पहले ही समाप्त हो जाता है तो अधिवेशन का भी उसी समय समापन हो जाता है। प्रधानमंत्री चाहे तो कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भी अधिवेशन का भी उसी समय समापन हो जाता है। प्रधानमंत्री चाहे तो कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भी अधिवेशन की अवधि बढ़ा सकता है, लेकिन ऐसा वह 12 दिन समाप्त होने के पहले ही कर सकता है। संसद के दोनों सदन गुप्त अधिवेशन भी कर सकते हैं। यदि प्रधानमंत्री ऐसी इच्छा प्रकट करे अथवा संसद के 1/10 सदस्य उस पक्ष में अपनी राय दे दें।

संसद के कार्य और शक्तियाँ

नवीन व्यवस्था के अन्तर्गत संसद को वही कार्य करने पड़ते हैं, जो पूर्व में करती आ रही थी। यद्यपि अब उसकी शक्तियाँ बड़ी सीमा तक नयति व सीमित कर दी गई हैं।

संविधान में संसद और सरकार के मध्य सम्बन्धों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि विधियों का निर्माण संसद करेगी। बुद्ध और सैनिक शासन की घोषणा करना भी इसका ही कार्य है। संसद के तीन प्रमुख कार्य हैं-

  1. संवैधानिक विधियों सहित समस्त विधियों का निर्माण।
  2. युद्ध और सैनिक शासन की घोषणा।
  3. वित्त का नियंत्रण संविधान में यह व्यवस्था है कि वित्तीय विधेयक राष्ट्रीय सभा में ही आरम्भ किये जा सकते हैं।

संविधान में जिन विषयों पर संसद को कानून निर्माण करने की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं, वे हैं- “नागरिकों के नागरिक अधिकार व मौलिक स्वतंत्रतायें, राष्ट्रीय प्रतिरक्षा के हित में २ नागरिकों से की गई अपेक्षाएं एवं उनकी सम्पत्ति, व्यक्तियों की जातीयता, स्तर एवं वैधानिक क्षमता, वैवाहिक विधियां, उत्तराधिकार एवं भेंट, सब प्रकार के करों का आरोपण, मात्रा व उनकी संग्रह पद्धति, मुद्रा व्यवस्था, विभिन्न सार्वजनिक निगमात्मक संस्थाओं का निर्माण, संसद और स्थानीय सभाओं के लिए निर्वाचन व्यवस्थाएं, उद्योगों एवं दूसरे कार्यों का राष्ट्रीयकरण, स्थानीय संस्थाओं का प्रशासन, राष्ट्रीय प्रतिरक्षा का संगठन, राज्य के नागरिकों व सैनिक अधिकारियों को दिये जाने वाले मौलिक आश्वासन, शिक्षा, सम्पत्ति सम्बन्धी नियम व उत्तरदायित्व, नागरिक व | व्यावसायिक उत्तरदायित्व, श्रम एवं श्रमिक संघ सम्बन्धी विधियों, सामाजिक सुरक्षा आदि।”

एक अन्य संवैधानिक विधि द्वारा संसद को यह अधिकार प्राप्त है कि निर्धारित मर्यादाओं में रहते हुए वह वित्तीय कानूनों का निर्माण कर राज्य के राजस्व और व्यय के बारे में निर्णय कर सकती है। उसे यह भी अधिकार दिया गया है कि राज्य के आर्थिक व सामाजिक उद्देश्यों के विषयों पर कानून बना सके।

अमेरिकी सीनेट की ब्रिटिश लार्ड सभा से तुलना कीजिए।

संविधान के अनुसार शान्ति सन्धियों, व्यापारिक संधियाँ, अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों से सम्बन्धित संधियों व समझौते एवं अन्य प्रकार की संधियों उस समय तक लागू नहीं हो सकती जब तक संसद उन पर अपनी स्वीकृति न दे दे। संसद को वैदेशिक सम्बन्धों पर नियंत्रण करने की शक्ति भी है। फ्रांस की संसद में प्रश्नोत्तरकाल की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रति सप्ताह एक निश्चित अवधि के अतिरिक्त जिसमें मंत्रियों से प्रश्न पूछे जा सकते हैं, संसद का कार्य क्षेत्र केवल विधि निर्माण तक ही सीमित है।

संविधान के अन्तर्गत किसी भी सरकार के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह प्रारम्भ में ही राष्ट्रीय सभा का विश्वास प्राप्त करे। संविधान यही व्यवस्था करता है कि सरकार को राष्ट्रीय सभा के समक्ष अपनी नीतियों की घोषणा कर देनी चाहिए। यदि सरकार के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता हो, तो यह जरूरी है कि उस पर राष्ट्रीय सभा के कम से कम 1/10 सदस्यों के हस्ताक्षर हों व प्रस्ताव के पारित होने के लिए पूरे सदन का पूर्ण बहुमत मिलें। अविश्वास प्रस्ताव मत लेने के लिए यह अनिवार्य है कि प्रस्ताव प्रस्तुत होने के बाद कम से कम 48 घंटे बीत चुके हों। मतदान का यह सम्पूर्ण प्रबन्ध इस भाँति होता है कि सरकार के विरोधी सदस्य खुलकर सामने आ जाते हैं, क्योंकि उनके लिए यह आवश्यक है कि वे खुले रूप में मतदान करें। तटस्थ या मौन रहने वाले सदस्यों को सरकार समर्थक सदस्य मान लिया जाता है।

    Leave a Comment

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Scroll to Top