फ्रांस के पंचम गणतंत्र पर टिप्पणी लिखिए।

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फ्रांस के पंचम गणतंत्र – देश को किस प्रकार के संविधान की आवश्यकता थी. इस विषय पर जनरल दि गॉल का अपना एक निश्चित मत या सत्ता में आने के तुरन्त बाद, उन्होंने एक नए संविधान के निर्माण का कार्य आरम्भ कर दिया। परन्तु वह जनता की इच्छा के विरुद्ध देश पर कोई संविधान थोपना नहीं चाहते थे। दि गॉल ने 39 सदस्यों की एक संविधान परामर्शदात्री समिति की रचना की। इस समिति में 26 सदस्य संसद के प्रतिनिधि में, और 13 की नियुक्ति सरकार द्वारा की गई थी। इस समिति ने 14 अगस्त, 1958 को अपनी रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने संविधान का एक नया प्रारूप (Draft) तैयार किया। इसे राज्य परिषद् (Council of State) के सम्मुख कानूनी राय जानने के लिए प्रस्तुत किया गया। इस परिषद से परामर्श करने के पश्चात् मंत्रिपरिषद द्वारा तैयार किए गये संविधान के अन्तिम प्रारूप को सितम्बर 1958 से जनमत-संग्रह (Referendum) के लिए जनता के पास भेज दिया गया। इस प्रारूप को 80 प्रतिशत से भी अधिक मतों से स्वीकृति प्राप्त हुई। इस प्रकार अनुमोदित संविधान को 4 अक्टूबर, 1958 को लागू कर दिया गया। नये संविधान ने फ्रांस में पंचम गणतंत्र की स्थापना की। यही संविधान आज भी फ्रांस की राजनीतिक व्यवस्था का आधार है।

मार्क्स के ‘अतिरिक्त मूल्य’ सिद्धान्त लिखिए।

संविधान लागू होने के साथ ही, जनरल दि गॉल ने प्रधानमंत्री का पद त्याग कर राष्ट्रपति का पद ग्रहण कर लिया। पांचवें गणतंत्र का राष्ट्रपति मात्र संवैधानिक अध्यक्ष नहीं होता है। वह स्वयं अनेक महत्त्वपूर्ण शक्तियों का उपयोग करके विविध कार्य सम्पादित करता है। फ्रांस में, पाँचवें गणतंत्र के संविधान के द्वारा संसदात्मक एवं अध्यक्षात्मक सरकारों से मिली जुली पद्धति को अपनाया गया है। यह न तो ब्रिटेन की भाँति संसदीय व्यवस्था है, और न अमेरिका की तरह अध्यक्षात्मक सरकार ही है। इसमें दोनों प्रणालियों के गुणों को शामिल किया गया है। राष्ट्रपति दि गॉल ने माईकल यात्रे (Michel Debre) को अपना प्रधानमंत्री नियुक्त किया। राष्ट्रीय सभा के चुनाव में दि गॉल के समर्थकों को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ। नए संविधान के प्रावधानों के अधीन, तथा एक मंत्रीपूर्ण संसद की सहायता से राष्ट्रपति दि गॉल ने देश की गम्भीर समस्याओं के सुलझाने के प्रयास तुरन्त आरम्भ कर दिए। उन्होंने सफलतापूर्वक अल्जीरिया की समस्या का समाधान किया तथा स्वतंत्र अल्जीरिया के साथ एक सम्मानपूर्ण समझौता किया।

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