फर्डनिण्ड व ईसाबेला की विदेश नीति का वर्णन कीजिए।

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फर्डनिण्ड व ईसाबेला की विदेश नीति के मुख्य उद्देश्य उपनिवेशों की स्थापना एवं फ्रांस को यूरोपीय राजनीति में एकाकी रखते हुए स्पेन का अंतर्राष्ट्रीय महत्व को बनाये रखा। अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सर्वप्रथम दोनों का ध्यान औपनिवेशिक विस्तार की ओर आकर्षित हुआ। 1462 ई. में कोलम्बस ने अमेरीका महाद्वीप का पता लगाया। फलस्वरूप वृहत्तर स्पेनी साम्राज्य का अस्तित्व सामने आया। अब नेपल्स, सिसली एवं सार्डीनिया के राज्यों पर स्पेन ने अपने दावे स्पष्ट कर लिये।

इस प्रकार एक ओर इटली की राजनीति में जहां स्पेनिश प्रभुत्व छा गया वहीं दूसरी ओर भूमध्य सागरीय प्रश्न पर बेनिस का प्रबल प्रतिद्वन्द्वी सिद्ध हुआ। अपने दावों के प्रति स्पेन कितना जागरूक था यह इस बात से ही पता चल जाता है कि जब फ्रांस के शासक चार्ल्स 8वीं एवं तुई 12वीं इटली पर अधिकार करने का प्रयास किया तो स्पेन ने हस्तक्षेप कर फ्रांस को पराजित किया एवं इटली पर अपने प्रभुत्व को बनाए रखा।

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फहनिण्ड ने पुर्तगाल आस्ट्रिया एवं इंग्लैण्ड से स्पेन के संबंधों को मधुर बनाने के लिए अपनी द्वितीय पुत्र मेरिया का विवाह पुर्तगाल के शासक से, अपनी ज्येष्ठ पुत्री जेनोआ का विवाह आस्ट्रिया के युवराज फिलिप प्रथम से एवं अपनी कनिष्ठ पुत्र कैथरीन का विवाह इंग्लैण्ड के युवराज आर्थर से एवं आर्थर की मृत्यु के बाद कैथरीन का विवाह हेनरी अष्टम से किया इन विवाहों से स्पेन के प्रभाव में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। इस प्रकार जनसंख्या तथा घरेलू संसाधनों के क्षेत्र में फ्रांस के बराबर न होते हुए भी स्पेन ने अपना प्रभाव बनाये रखा।

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