पर्यावरण शिक्षा का क्षेत्र

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पर्यावरण शिक्षा का क्षेत्र – पर्यावरण शिक्षा को शिखा के अभित्र अंग के रूप में रखने के प्रमुख उद्देश्य हैं

  1. व्यक्तिगत
  2. व्यक्तिगत जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान करने की क्षमता का सफल विकास करना और
  3. पर्यावरण शिक्षा को नागरिकों के पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग बनाकर पारस्परिक सह संबंधों का विकास करना।

पर्यावरण शिक्षा कोई नयी विषयवस्तु नहीं है, बल्कि शिक्षा में एक विशिष्ट और नया आयाम है जो एक विषय का दूसरे से सह संबंध स्थापित कर ज्ञान की एक इकाई को चरितार्थ करने का सफल प्रयास कर रहा है।

भारतवर्ष में स्त्री-शिक्षा के विकास का वर्णन कीजिए।

पर्यावरण विज्ञान एक विषय विशेष तक ही सीमित नहीं है, यह मूलभूत विज्ञान एवं व्यावहारिक विज्ञान के अतिरिक्त इंजीनियरिंग, सामाजिक, आर्थिक, नैतिक और कनूनी विषयों से अतः निर्भरता रखता है। ज्ञान के सभी विषय क्षेत्रों को पर्यावरण से जोड़कर, विभिन्न विषयों के छोटे छोटे क्षेत्रों में प्रतिबंधित न रखकर व्यापकता की ओर अग्रसर किया जा सकता है और ज्ञान को एक इकाई के रूप में समझकर सम्पूर्ण ब्रह्मांड को एक इकाई माना जा सकता है।

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