परमार वंश का प्रसिद्ध शासक आप किसे मानते हैं।

परमार वंश का प्रसिद्ध शासक

परमार वंश का प्रसिद्ध शासक भोज सिन्धुराज का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। भोज ने 7010 से 1060 ई. तक शासन किया। यह परमार वंश का सबसे योग्य एवं प्रतापी शासक था। इसके काल में परमार राज्य की राजनैतिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टियों से अभूतपूर्व उन्नति हुई। अभिलेखों ने उसे पृयु के समान चक्रवर्ती सम्राट के रूप में उसकी प्रशंसा की है। वह उत्तराधिकार में मिले अपने राज्य से सन्तुष्ट न था । उदयपुर प्रशस्ति में उसकी दिग्विजय पर प्रकाश पड़ता है। उदयपुर प्रशस्ति के अनुसार भोज ने लाट प्रदेश, कोकण प्रदेश को जीता तथा चालुक्य नरेश भीम पर आक्रमण कर उसकी राजधानी अन्हिलवाड़ को लूटा।

उसने कल्याणी के चालुक्य राजा विक्रमादित्य चतुर्थ व कलचुरि राजा गांगेय देव को पराजित किया था। भोज की ख्याति उसकी विद्वता तथा विद्या एवं कला के उदार संरक्षक के रूप में अधिक है। भोज ने विद्वता के कारण ‘कविराज’ की उपाधि धारण की। उसने अनेक मन्दिरों का निर्माण कराया तथा भोजपुर नगर बसाया। भोपाल में उसने भोजसर नामक झील का निर्माण कराया। भोज ने उज्जैन के स्थान पर नयी राजधानी ‘धारा’ में बनायी। भोज ने धारा नगरी में ‘भोज शाला’ के रूप में प्रख्यात महाविद्यालय की स्थापना भी की।

अलबरूनी के भारत विवरण का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

उसमें वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित की थी, इस भोजशाला की दीवारों पर संस्कृत श्लोक अभिलिखित है। भोज की राजसभा में धनपाल, उवट एवं दामोदर मिश्र जैसे विद्वान विराजते थे। निःसन्देह भोज का राज्यकाल परमार काल का स्वर्णयुग था ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top