पालवंश की स्थापना किस प्रकार से हुई? संक्षेप में लिखिए।

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पालवंश की स्थापना

शशांक की मृत्यु के बाद बंगाल की जो राजनैतिक अस्थिरता प्रारम्भ हुई थी वह लगभग सौ वर्षों तक चलती रही। खलीमपुर अभिलेख में इस अव्यवस्था को मलय न्याय की संज्ञा दी गयी है, जिसके अन्तर्गत सबल, निर्बल को उत्पीड़ित कर रहे थे। दीर्घकाल तक चलने वाली इस अव्यवस्था और अराजकता से परेशान वहाँ की जनता ने गोपाल नामक एक योग्य व्यक्ति को अपना राजा बनाया। गोपाल के नाम पर चलने वाला यह राजवंश इतिहास में पालवंश के नाम से जाना जाता है। पूर्व मध्यकालीन भारतीय इतिहास में जनता द्वारा राजा के निर्वाचन का यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। गोपाल बंगाल की राजनैतिक अस्थिरता को समाप्त करने में सफल हुआ, गोपाल के बाद इस पालवंश में कई महत्वपूर्ण शासक हुए जिनके समय में बंगाल में अभूतपूर्व सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक प्रगति हुई।

“गोविन्द चन्द्र गहड़वाल वंश का सर्वाधिक योग्य शासक था।” व्याख्या कीजिए।

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