निर्बल वर्ग से आप क्या समझते हैं?

निर्बल वर्ग

निर्बल वर्ग में श्रमिक एवं अन्य मेहनत कश लोगों को सम्मिलित किया जाता है। यह आधुनिक भारत का सर्वाधिक विशाल वर्ग है, क्योंकि हमारी सम्पूर्ण जनसंख्या में लगभग 33 प्रतिशत इसी वर्ग के सदस्य है। श्रमिक वर्ग मेहनतकश व सर्वहारा लोगों का वर्ग है, जिसके सम्मुख रोटी-रोजी कमाने हेतु श्रम के अतिरिक्त कुछ भी नहीं होता है। इस वर्ग के सदस्य मिलों- कारखानों, चाय बागानों और खानों, खेतों-खलिहानों, दुकानों और प्रतिष्ठानों में काम करते हैं। रिक्शा ठेला, टैक्सी/बस, राज-मजदूरों, आदि के रूप में कार्य करते हैं। आर्थिक रूप से इस वर्ग की स्थिति बहुत ही खराब है। इन्हें न तो उचित भोजन मिलता है, न पूरे वस्त्र और न उचित निवास हो । श्रमिक वर्ग के अधिकांश सदस्य गंदी/मलिन बस्तियों में जानवरों की भांति रहने को विवश हैं, रूखा-सूखा खाकर, किसी तरह तन को ढककर सभ्यता का उपहास करते हैं.

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किन्तु निर्बल वर्ग के लोग अपने खून-पसीने की दम पर उत्पादन कार्य करते हैं, उत्पादित वस्तुओं को ढोते और लादते हैं, यातायात व संचार साधनों को ठीक बनाए रखते हैं। सरकार के अथक प्रयासों के बाद भी अभी तक इनकी दशा अच्छी नहीं हो पायी है।

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