निरौपचारिक शिक्षा की विशेषताएँ निम्न है
- इसकी समयावधि और अन्य कार्यक्रमों का निर्धारण छात्रों की सुविधा को देखते हुए किया जाता है।
- इसके अनुदेशक के कार्य एवं कर्तव्य सामान्य शिक्षक से अलग होते हैं।
- इस शिक्षा का पाठ्यक्रम यद्यपि निर्धारित होता है, किन्तु छात्रों की विशेष आवश्यकता के अनुसार उसमें परिवर्तन भी किया जाता है।
- निरौपचारिक शिक्षा की सहायता से शिक्षित और रोजगार से जुड़े हुए लोगों को भी सामयिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। उन्हें उनके क्षेत्र से सम्बन्धित आविष्कारों तथा परिवर्तनों से परिचित कराया जाता है।
- यह शिक्षा व्यक्तिगत और राष्ट्रीय दोनों समस्याओं के निदान में सहायक है। जनसंख्या वृद्धि, मलेरिया उन्मूलन जन-शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, महिला-शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा, आदि में यह अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है।
- इसके पाठ्यक्रम की मूल्यांकन विधि व्यावहारिक है, क्योंकि इसमें व्यक्ति स्वयं ही मूल्यांकन करता है कि उसकी मनोवृत्ति कार्यकुशलता, व्यवहारादि में क्या परिवर्तन हुए है।
- इसके शैक्षिक कार्यक्रमों के संचालन में लचीलापन पाया जाता है। धर्मशाला, खेतों, सार्वजनिक स्थानों में इसकी कक्षाओं का आयोजन किया जाता है।
- इसके अन्तर्गत संचालित कार्यक्रम जन शिक्षा के प्रसार एवं निरक्षरता उन्मूलन में सहायक है।
शिक्षा क्या है? शिक्षा की परिभाषा एवमं स्वरूप पर प्रकाश डालिए।