नवाचार के सम्बन्ध में कुछ विद्वानों के विचार देते हुए इसकी विशेषताओं पर टिप्पणी लिखिए।

नवाचार के सम्बन्ध विद्वानों के विचार – जब हम शैक्षिक नवाचारों की बात करते हैं, तो हम पाते हैं कि इस सम्बन्ध में अनेक शिक्षाविदों द्वारा अपने-अपने तरीके से विचार व्यक्त किये गये हैं

ट्रासजेन हयूजन के अनुसार- “शैक्षिक नवाचारों का उद्भव स्वतः नहीं होता है वरन्इ न्हें खोजना पड़ता है तथा सुनियोजित ढंग से इन्हें प्रयोग में लाना होता है ताकि शैक्षिक कार्यक्रमों को परिवर्तित परिवेश में गति मिल सके और वे परिवर्तन के साथ गहरा तारतम्य बनाये। रख सकें।” “नवाचार समझ-बूझकर किया जाने वाला नवीन और विशिष्ट परिवर्तन है, जिसे किसी प्रणाली के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रभावकारी समझा जाता है।”

महिला शिक्षा की क्या समस्याएँ हैं?

प्रो. उदय पारिख और श्री टी. पी. राव नवाचार की बड़ी सरल परिभाषा देते हैं “किसी उपयोगी कार्य के लिए किसी व्यक्ति या निकाय द्वारा किया गया विचार अथवा अभ्यास नवाचार कहलाता है।”

शिक्षा के क्षेत्र में प्रसिद्ध कोठारी आयोग ने भी सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को दृष्टिगत रखते हुए शैक्षिक नवाचारों को अपनाने पर बल दिया है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top