मृदु शिल्प तथा कठोर शिल्प में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

मृदु शिल्प तथा कठोर शिल्प में अन्तर

  1. कठोर उपागम का सम्बन्ध यांत्रिक उपकरणों से है। जब कि मृदुल उपागम का संम्बन्ध यांत्रिक उपकरणों से संचालन हेतु कार्यक्रमों के निर्माण एवं संचालन से है।
  2. कठोर उपागम भौतिक विज्ञान से सम्बन्धित है। जबकि मृदुल उपागम का सम्बन्ध मनोवैज्ञानिक सामाजिक एवं वैज्ञानिक विद्वानों से है।
  3. कठोर उपागम शिक्षण के साधनों से सम्बन्धित है जबकि मृदुल शिक्षा साधनों के माध्यम से शैक्षिक कार्यक्रमों के प्रसारण में है।
  4. कठोर उपागम बिना मृदुल उपागम के गतिशील नहीं हो सकता है।
  5. कठोर उपागम के संचालन में मृदुल उपागम के निर्माण हेतु कुशल प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं से होती है।
  6. शिक्षण का वास्तविक एवं स्थायी स्वरूप मृदुल उपागत के द्वारा देखा जा सकता है। जबकि कठोर उपागम द्वारा ऐसा सम्भव नहीं है।
  7. कठोर उपागम मूर्त, प्रत्यक्ष होता हैं जबकि मृदुल उपागम का स्वरूप मूर्त न होकर अमूर्त और अदृश्य होता है।
  8. हार्डवेयर का निर्माण व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा किया जाता है। जबकि साफ्टवेयर के निर्माण हेतु अत्यन्त प्रशिक्षित व्यक्ति की आवश्कता पड़ती है इसका निर्माण प्रायः व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में नहीं होता है बल्कि शैक्षिक संस्थाओं से होता है।
  9. कठोर उपागम के अन्तर्गत रेडियों, दूरदर्शन, टेपरिकार्डर सिनेमा कम्प्यूटर तथा शिक्षक मशीनों को रखा जाता है। जबकि मृदुल उपागम के अर्न्तगत अमुद्रित पत्र-पत्रिकाएँ कैसेट, सी. डी. रोम, ग्राफ चार्ट मानचित्र आदि आते हैं।
  10. कठोर उपागम प्रायः विद्युत चालित होता है। मृदुल उपागम के अभाव में कठोर उपागम अपना प्रभाव नहीं दिखा सकता है। कठोर उपागम का मूल्यांकन यांत्रिक इंजीनियरों पर निर्भर है जबकि मृदुल उपागम का मूल्यांकन कोई भी अनुभवी प्रशिक्षित व्यक्ति कर सकता

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