Political Science

मूल कर्तव्यों की विवेचना कीजिए।

मूल कर्तव्यों की विवेचना – 42वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में एक नया भाग (4-क) जोड़कर नागरिकों के 10 मूल कर्तव्यों को समाविष्ट किया गया है। मूल संविधान में केवल नागरिकों के मूल अधिकारों का ही उल्लेख किया गया था। उनके कर्तव्यों के बारे में कोई स्पष्ट उपबन्ध नहीं था। प्रस्तुत सावधानिक संशोधन संविधान में इस कमी को दूर करने के उद्देश्य से पारित किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 15- क के अनुसार जब भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे तथा राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे, स्वतन्त्रता आन्दोलन के आदर्शों को हृदय में संजोये रखे और उसका पालन करे, भारत की प्रभुता, एकता एवं अखंडता की रक्षा करे, आहान करने पर सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करे, भारत के सभी लोगों में समरसता और भ्रातृत्व का निर्माण करे, स्त्री विरुद्ध प्रथाओं का त्याग करे, भारत की संस्कृति का परिरक्षण करे, प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और संवर्द्धन तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद, ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे, सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करे और व्यक्तिगत तथा सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करे।

केन्द्रीय सैनिक आयोग ।

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