मिश्रित संस्कृति की अवधारणा बताइए। या समझाइए ।

मिश्रित संस्कृति की अवधारणा

हमारे देश में अनेक प्रकार की संस्कृतियाँ पाई जाती हैं। इन विभिन्न संस्कृतियों का भारतीय समाज में बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। परन्तु जहां तक मिश्रित संस्कृति की अवधारणा की बात है। तो यह कहा जाता है कि यदि किसी देश में अनेक धर्मों, जातियों, प्रजातियों के लोग एक लम्बे समय के साथ-साथ रहते हैं, तो वे अन्य संस्कृतियों के लोगों को अपनी संस्कृति से प्रभावित करते हैं और स्वयं भी दूसरों की संस्कृति से प्रभावित होते हैं। संस्कृति के इस आदान-प्रदान से जिस नई संस्कृति का विकास होता है, उसी को मिश्रित संस्कृति कहा जाता है। भारत इसका अनुपम उदाहरण है, जहाँ वैदिक / हिन्दू, इस्लाम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध पारसी संस्कृति के आपस में मिले जाने से एक नई भारतीय संस्कृति की धारा प्रवाहित हुयी।

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