मिश्रित अर्थव्यवस्था वह प्रमुख प्रारूप है जिसका सम्बन्ध मुख्यतः विकासशील देशों से है। तृतीय विश्व में बहुत-से देश ऐसे है जो एक लम्बे समय तक उपनिवेशवादी शासन के कारण अपना विकास नहीं कर सके। एक ओर यह औद्योगिक विकास के दृष्टिकोण से पश्चिमी देशों की तुलना में बहुत पीछे रहे तो दूसरी ओर इन देशों की अर्थव्यवस्था मूल रूप से खेती और कुटीर उद्योगों पर निर्भर रही। जनसंख्या के अधिक घनत्व के कारण इनमें प्रति व्यक्ति आय का स्तर भी बहुत निम्न रहा। ऐसे देशों में भारत, ब्राजील, इण्डोनेशिया, इराक, ईरान, म्यांमार (बर्मा) तथा मध्य एशिया के अनेक देश सम्मिलित हैं।
अवलोकन की परिभाषा दीजिए। अवलोकन की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उपनिवेशवादी शासन से स्वतन्त्र होने के बाद इन देशों में आर्थिक व्यवस्था का जो रूप विकसित हुआ, उसमें पूंजीवादी तथा समाजवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताओं का मिश्रण देखने को मिलता है। यहीं कारण है कि इस अर्थव्यवस्था को हम ‘मिश्रित अर्थव्यवस्था’ कहते हैं।