महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन लाने वाले कौन से कारक हैं?

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महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन लाने वाले कारक

वर्तमान भारत में महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन या सुधार हुए हैं, उनके कुछ प्रमुख कारण या कारक निम्नलिखित हैं

1. स्त्रियों में शिक्षा का विस्तार

अंग्रेजी राज्य की स्थापना के पश्चात् धीरे-धीरे स्त्रियों में शिक्षा का विस्तार होना प्रारम्भ हुआ। स्वतन्त्रता के पश्चात् केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों ने भी इस सम्बन्ध में अनेक प्रयत्न किए। शिक्षा के विस्तार के साथ-साथ स्त्रियों में परम्परागत अन्धविश्वास तथा संकीर्ण मनोभाव दूर होते गए और वे अपने अधिकारों के सम्बन्ध में जागरूक हुई।

2. पाश्चात्य संस्कृति –

पाश्चात्य संस्कृति से हमारा सम्बन्ध बढ़ने के साथ-साथ भारतीय स्त्रियों में नई जागृति की लहर आई है, इस बात को शायद कोई भी अस्वीकार नहीं करेगा। पाश्चात्य देशों में स्त्री पुरुषों के समान अधिकारों का उपयोग करती है। यह सब देखकर यहां की स्त्रियाँ भी अपने -अधिकारों के सम्बन्ध में जागरूक हुई। इतना ही नहीं, पाश्चात्य संस्कृति के माध्यम से भारतीय नारी का सम्पर्क अन्य प्रगतिशील देशों के नारी समाजों, उनमें हुए नारी-आन्दोलनों आदि के साथ सहज ही स्थापित हो सका। इससे जो जागरूकता इस देश की स्त्रियों में उत्पन्न हुई, उसकी भी कीमत कुछ कम नहीं।

3. औद्योगीकरण

औद्योगीकरण के साथ-साथ भारत में अगणित उद्योग-धन्धे पनप गए जिसके कारण न केवल पुरुषों के लिए बल्कि स्त्रियों के लिए भी नौकरी के पर्याप्त अवसर बढ़ गए। फलस्वरूप महिला भी पुरुषों की भाँति घर के बाहर नौकरी करने लगीं, वहाँ उनकों पुरुषों के साथ भी काम करना पड़ा। इससे उनकी पुरुषों पर आर्थिक निर्भरता घटी, अन्तर्जातीय और प्रेम विवाह को प्रोत्साहन मिला, पर्दा प्रथा घटी, साथ ही पुरुषों का स्त्रियों के प्रति मनोभाव भी पर्याप्त रूप से बदला।

पर्यावरण शिक्षा की अवधारणा की चर्चा कीजिये।

4. प्रेस और यातायात व संचार साधनों की उन्नति-

समाचार पत्रों आदि का अखिल भारतीय आधार पर मुद्रण और वितरण सम्भव हुआ है। यह वितरण यातायात और संचार साधनों में उन्नति होने के कारण हो सम्भव हुआ है। इसके अतिरिक्त यातायात और संचार के उन्नत साधनों ने देश और दुनियाँ की स्त्रियों को एक-दूसरे से घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित करने में सहायता प्रदान की है। इस सबके द्वारा, अर्थात् प्रेस, यातायात व संचार के साधनों के द्वारा नारी आन्दोलन को चलाने, नारी समस्या की प्रति स्वस्थ जनमत निर्माण करने, नारी नेताओं के विचार दूर-दूर तक फैलाने में जो सहायता मिली है वह भारतीय नारी की वर्तमान उन्नत स्थिति का एक महत्वपूर्ण कारक है।

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