महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमण के क्या कारण थे?

महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमण – भारत पर तुर्क आक्रमण मध्य एशिया में स्थित गजनी के शासक ने किया। सन् 998 ई. में गजनी का शासक महमूद बना। वह अत्यन्त महत्वाकांक्षी था। उसने सन् 1000 ई. से 1027 ई. तक भारत पर लगभग सत्रह बार आक्रमण किया जिसमें सोमनाथ (गुजरात) पर किया गया उसका आक्रमण सबसे प्रसिद्ध है। महमूद गजनवी का 1000 ई. में भारत पर पहला आक्रमण हिन्दूशाही राज्य के विरुद्ध था। उसे इस आक्रमण में बहुत सफलता प्राप्त हुई। तत्पश्चात् उसने प्रा निरन्तर आक्रमण कर अधिकांश उत्तर भारत को लूटा व अपार धन-सम्पदा गजनी ले गया। उसका दूसरा आक्रमण 1002 ई. में जयपाल के विरुद्ध था। 1004 ई. में मुल्तान पर, 1011 ई. में कश्मीर पर आक्रमण किया। 1024 ई. में उसका ग्यारहवां प्रसिद्ध आक्रमण सोमनाथ मन्दिर (गुजरात) का था। इस अभियान में उसे अपार धन सम्पत्ति प्राप्त हुई। 1027 ई. में उसका अन्तिम आक्रमण सिन्ध के जाटों पर हुआ जिसमें उसने तंग कर रहे जाटों को बर्बाद कर दिया और उनकी सम्पत्ति लूट ली। इस प्रकार महमूद गजनवी को भारत पर किये गये सभी आक्रमणों में विजय प्राप्त हुई।

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इन आक्रमणों का प्रमुख उद्देश्य मध्य एशिया में अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए धन-सम्पदा की प्राप्ति थी। वह भारत से धन प्राप्त करना चाहता था। चूंकि उसने सुन रखा था कि भारत में बहुत अधिक धन सम्पदा है और इसी धन को प्राप्त करने के लिए उसने भारत पर आक्रमण किये। इन आक्रमणों के फलस्वरूप तुर्कों को अपार धन प्राप्त हुआ। इस धन का मध्य एशिया की समृद्धि और साम्राज्य विस्तार में प्रयोग किया गया। उसने भारत की सदियों से संचित सम्पत्ति को ही लूटने में सफलता शप्त नहीं की अपितु पंजाब, सिन्ध, मुल्तान और अफगानिस्तान के प्रदेशों में गजनवी वंश के राज्य को स्थापित करने में भी सफलता प्राप्त की थी।

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