मानव अधिकार के अर्थ – मानव अधिकार शब्द से ही इसका अर्थ प्रतिविम्बित होता है यद्यपि यह अधिकार मानव को मानव होने के कारण प्राप्त है। इन अधिकारों का मान और इनका प्रयोग करने के लिए और किसी विशेषता या योग्यता की जरूरत नहीं है। यह अधिकार सभी व्यक्तियों को प्राप्त होते हैं क्योंकि कोई भी व्यक्ति, व्यक्ति होने का परित्याग नहीं कर सकता। इस प्रकार वह इन अधिकारों का भी परित्याग नहीं कर सकता।
आधारभूत रूप से मानव अधिकार उन सब परिस्थितियों की उपलब्धि है जिसमें मनुष्य अपनी उन सब अन्तर्निहित योग्यताओं का विकास कर सकता है, जो उसे प्रकृति ने प्रदान की है तथा सबसे बड़ा और प्रमुख तथ्य है कि ये परिस्थितियों मानव की सम्मानपूर्ण स्थिति को बनाए रखने में सहायक होती हैं और इसमें जन्म, प्रजाति, धर्म, रंग, लिंग या इसी प्रकार के दूसरे किसी तत्त्व का कोई महत्त्व नहीं होता। इस रूप में देखा जाए तो मानव अधिकारों का उद्भव मानव सभ्यता के शुरू में ही ढूंढा जा सकता है। जब मानव ने समूह में रहना शुरू किया था तब से परस्पर एक-दूसरे के साथ उनकी अन्तः क्रियाएँ बढ़ने लगी थीं।
अन्तर्राष्ट्रीयता के विकास अथवा सद्भावना में बाधक तत्व बताइए।