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माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश

माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश (Board of High School and Intermediate Education) एक परीक्षा लेने वाली संस्था है। इसका मुख्यालय प्रयागराज में है। यह दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा संचालित करने वाली संस्था है। इसे संक्षेप में ‘यूपी बोर्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। बोर्ड ने 10 + 2 शिक्षा प्रणाली अपनायी हुई है। यह 10वीं एवं 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करता है। माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश की स्थापना सन् 1921 में प्रयागराज में संयुक्त प्रांत वैधानिक परिषद् (यूनाइटेड प्रोविन्स लेजिस्लेटिव काउन्सिल) के एक अधिनियम द्वारा की गई थी।

इसने सबसे पहले सन् 1923 में परीक्षा आयोजित की। यह भारत का प्रथम शिक्षा बोर्ड था जिसने सर्वप्रथम 10 + 2 परीक्षा पद्धति अपनायी थी। इस पद्धति के अंतर्गत प्रथम सार्वजनिक (बोर्ड) परीक्षा का आयोजन 10 वर्षों की शिक्षा उपरान्त जिसे हाई स्कूल परीक्षा एवं द्वितीय सार्वजनिक परीक्षा 10+2 = 12 वर्ष की शिक्षा के उपरांत दिये जाते हैं, जिसे इंटरमीडिएट परीक्षा कहते हैं। इसके पहले प्रयागराज विश्वविद्यालय ‘हाईस्कूल’ एवं ‘इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं आयोजित करता था।

कार्य

उत्तर प्रदेश बोर्ड का मुख्य कार्य राज्य में हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा आयोजित करना होता है। इसके अलावा राज्य में स्थित विद्यालयों को मान्यता देना, हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट स्तर के लिए पाठ्यक्रम एवं पुस्तकें निर्धारित करना भी प्रमुख कार्य है। साथ ही बोर्ड अन्य बोडों द्वारा ली गयी परीक्षाओं को तत्यता प्रदान करता है। आने वाले समय में सदा बढ़ते रहने वाले कार्यभार को देखते हुए, बोर्ड को पूरे क्षेत्र में अपनी गतिविधियों के इलाहाबाद स्थित केन्द्रीय कार्यालय से कई समस्याओं का नियंत्रण और संचालन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

अतः बोर्ड के पाँच क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना मेरठ (1973), वाराणसी (1978), बरेली (1981), प्रयागराज (1987), गोरखपुर (2016) में की गई। इन कार्यालयों में क्षेत्रीय सचिवों की नियुक्ति की गई, जिनके ऊपर इलाहाबाद स्थित मुख्यालय के सचिव प्रधान कार्यपालक के रूप में कार्यरत रहते हैं। 8 नवम्बर, 2000 को रामनगर, नैनीताल स्थित कार्यालय को उत्तरांचल राज्य के गठन के समय यू.पी. बोर्ड से अलग कर दिया गया।

राष्ट्रीय शैक्षणिक, अनुसंधान परिषद (NCERT) द्वारा पर्यावरण जागरूकता। अथवा शिक्षा द्वारा पर्यावरण संचेतना।

वर्तमान आंकड़ों के अनुसार बोर्ड 40 लाख से अधिक छात्रों की परीक्षाएं संचालित करता है।। उत्तर प्रदेश में कुछ माध्यमिक विद्यालय काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस, (आई.सी.एस.ई. बोर्ड) एवं केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई.) द्वारा प्रशासित हैं, वरना अधिकांश माध्यमिक विद्यालय उ.प्र. बोर्ड की मान्यता प्राप्त हैं। वर्तमान में 9121 माध्यमिक विद्यालय इस बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

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