माध्यमिक शिक्षा की संरचना-
माध्यमिक शिक्षा प्राथमिक शिक्षा की समाप्ति पर प्रारम्भ होकर उच्च शिक्षा से पूर्व समाप्त हो जाती है। माध्यमिक शिक्षा को सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् माध्यमिक शिक्षा का अत्यन्त तीव्र गति से विस्तार हुआ है। विभिन्न संरचनाओं में विभिन्न कक्षाओं की शिक्षा को विभिन्न प्रकार में वर्गीकृत किया गया है। कक्षा 9 तथा कक्षा 10 की शिक्षा को निम्न माध्यमिक शिक्षा (Lower Secondary Education) कहते हैं। कक्षा 11 तथा कक्षा 12 की शिक्षा को उच्च माध्यमिक शिक्षा (Higher Secondary Education) कहा जाता है। सन् 1992 में संशोधित (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986) में तो कक्षा 11 व 12 की शिक्षा को स्कूल शिक्षा में समाहित करने का प्रयास करने का संकल्प किया गया। है। स्पष्ट है कि कक्षा 9 से 12 तक चलने वाली माध्यमिक शिक्षा का प्रारम्भ प्राथमिक शिक्षा की समाप्ति पर होता है तथा उच्च शिक्षा से पूर्व यह समाप्त हो जाती है।
माध्यमिक शिक्षा आयोग ने माध्यमिक शिक्षा को दो भागों में विभाजित किया था –
- (i) निम्न माध्यमिक शिक्षा
- (ii) उच्च माध्यमिक शिक्षा।
मौलिक अधिकारों की किन्हीं चार विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
माध्यमिक शिक्षा आयोग ने कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा को निम्न माध्यमिक स्तर तथा कक्षा 9 से 11 तक की शिक्षा को उच्च माध्यमिक स्तर माना। आयोग ने इण्टरमीडिएट कक्षा को समाप्त करके उसका एक वर्ष माध्यमिक कक्षा में दूसरा वर्ष उपाधि पाठ्यक्रम में जोड़ दिया। किन्तु इन सुझावों से भी देश में शिक्षा संरचना में एकरूपता न आई। कोठारी आयोग ने पुनः माध्यमिक शिक्षा की अवधि 4 वर्ष करने का सुझाव दिया। श्री यूनिवर्सिटी कक्षाएं महाविद्यालयों से हटकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों से सम्बद्ध हुई। माध्यमिक शिक्षा के उपरान्त ही बालक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश करता है। आज हमारे यहाँ शिक्षा समवर्ती सूची में शामिल है जिस कारण केन्द्र तथा राज्य सरकार दोनों ही इस दिशा में कार्य कर सकती हैं, यह प्रावधान स्वागत योग्य है।