लक्ष्मीकर्ण कलचुरि के शासन के विषय में बताइए

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लक्ष्मीकर्ण कलचुरि के शासन लक्ष्मीकर्ण अपने पिता कर्णदेव की मृत्यु के बाद कलचुरि वंश का शासक बना। लक्ष्मीकर्ण कलचुरि वंश का सबसे शक्तिशाली और महान शासक था। वह शैव मतावलम्बी था। इसके शासनकाल से सम्बन्धित कुल आठ अभिलेख मिले हैं, जिससे इसके शासनकाल में घटित घटनाओं के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। लक्ष्मीकर्ण के शासनकाल की सबसे महत्वपूर्ण घटना गुजरात के चालुक्य नरेश भीम के साथ मिलकर मालवा के परमारवंशीय शासक भोज को परास्त करना है। इस युद्ध में सम्भवतः भोज मारा गया। इसने कलि को विजित करके ‘त्रिकलिगाधिपति’ की उपाधि धारण की पूर्व में मगध के पाल शासक विग्रहपाल को परास्त किया लेकिन कुछ समय बाद अपनी पुत्री का विवाह उसके साथ करके उसे अपना मित्र बना लिया। बुन्देलखण्ड के चन्देलों के साथ उसका भीषण संघर्ष हुआ। इस युद्ध में उसने चन्देल शासक देववर्मन को परास्त किया लेकिन अपने शासन के अन्तिम दिनों में कीर्तिवर्मन से परास्त हो गया। इससे लक्ष्मीकर्ण की शक्ति क्षीण हो गयी।

मुहम्मद गोरी के आक्रमण के कारणों, स्वरूप और परिणाम की विवेचना कीजिए।

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