लक्ष्मणसेन सेन वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था? विवेचना कीजिए।

लक्ष्मणसेन सेन वंश

लक्ष्मणसेन बल्लालसेन का पुत्र तथा उत्तराधिकारी लक्ष्मणसेन अपने पिता के बाद लक्ष्मणसेन सेन वंश का राजा बना। वह इस वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा था। उसके शासन-काल के कुल आठ अभिलेख बंगाल के विभिन्न भागों से प्राप्त होते हैं जिनसे उसकी राजनैतिक तथा सांस्कृतिक उपलब्धियों का ज्ञान होता है। लक्ष्मणसेन एक विजेता तथा साम्राज्यवादी शासक था। लेखों से पता चलता है कि उसने गौड़, कामरूप, काशी तथा कलिंग को जीता था। यह भी बताया गया है कि उसने पुरी, काशी तथा प्रयाग में विजयस्तम्भ स्थापित किये थे। ऐसा लगता है कि काशी तथा प्रयाग को उसने गहड़वाल राजाओं से जीता था।

उसका समकालीन गहड़वाल शासक जयचन्द्र था। सम्भव है कि लक्ष्मणसेन ने उसी के समय में अथवा उसकी मृत्यु के बाद काशी के ऊपर अपना अधिकार कर लिया हो। किन्तु लक्ष्मणसेन की उपलब्धियाँ क्षणिक रही हैं। इस समय भारत का मध्य भाग तुर्कों द्वारा आक्रान्त किया जा रहा था। बंगाल का सेनराज्य भी इससे अछूता न रह सका। 1202 ई. में तुर्क विजेता बख्तियार खिलजी ने उसकी राजधानी नदिया पर आक्रमण किया।

चालुक्यों के आरम्भिक इतिहास का वर्णन कीजिए।

यह आक्रमण इतना भीषण था कि लक्ष्मणसेन इससे आतंकित हो गया तथा अपना राज्य छोड़कर भाग गया। इसके कुछ समय बाद लक्ष्मणसेन की मृत्यु हो गयी। उसके साथ ही वस्तुतः सेन वंश की प्रतिष्ठा समाप्त हो गयी, यद्यपि इस वंश के कुछ छोटे-छोटे शासक तेरहवीं शती के मध्य तक नाममात्र के लिए जीवित रहे।

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