क्षेत्रीय असमंजस्यता के निवारण हेतु सुझाव दीजिए।

क्षेत्रीय असमंजस्यता के निवारण

क्षेत्रीयता का तात्पर्य एक प्रदेश या प्रदेश के निवासियों की उस समाज विरोधी भावना या प्रवृत्ति से है जिसके अनुसार वे अन्य क्षेत्रों, यहाँ तक कि सम्पूर्ण राष्ट्र के हितों या स्वार्थो की बलि देते हुए अपने क्षेत्र के हितों या स्वार्थों की पूर्ति के लिए उन्मुख होते हैं। हेडविंग हिंट्ज ने लिखा है, “क्षेत्रीयता विशेषानुरक्तवाद से अत्यन्त घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित है और वह अत्यधिक अथवा दमनकारी केन्द्रीयकरण के विरुद्ध एक प्रतिक्रियास्वरूप उत्पन्न होती है और इसलिए इसके अन्तर्गत आधुनिक राजनीतिक तथा सांस्कृतिक जीवन की विविध समस्याओं की समस्या जैसे अल्पसंख्यकों की समस्या, प्रशासनीय विकेन्द्रीकरण, स्थानीय स्वशासन, स्वदेश पूजा तथा स्थानीय देशभक्ति की समस्याओं का समावेश होता है।”

क्षेत्रीयता को रोकने तथा उसे दूर करने के उपाय इस प्रकार है-

  1. सभी क्षेत्रों के आर्थिक विकास पर बल,
  2. भाषावाद की समस्या का समाधान,
  3. राष्ट्रभाषा का प्रचार,
  4. क्षेत्रीय राजनैतिक दलों पर प्रतिबन्ध,
  5. विभिन्न क्षेत्रों में संस्कृतियों की सामान्य विशेषताओं का प्रचार,
  6. केन्द्रीय सरकार तथा राज्यों के बीच अच्छे सम्बन्ध,
  7. केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में सन्तुलित प्रतिनिधित्व, तथा
  8. राष्ट्रीय एकता एवं हितों पर बल।

मानव अधिकारों का वर्गीकरण किस प्रकार से किया गया है ?

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