कृत्य विश्लेषण प्रक्रिया का संक्षेप में वर्णन कीजिए ।

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कृत्य विश्लेषण प्रक्रिया हमें कृत्य विश्लेषण से पूर्व हमारे लिए यह समझना आवश्यक है कि कृत्य क्या होता है। किसी प्रतिष्ठान में एक साधारण सी बात पर हैं। पद औद्योगिक क्रियाओं का समूह है जो कि एक व्यक्ति द्वारा सम्पादित होते है। इससे यह स्पष्ट है कि किसी प्रतिष्ठान (establishment) में व्याक्तियों की संख्या उस प्रतिष्ठान में पदों की संख्या का द्योतक है। उदाहरण के लिए फैक्ट्री में 30 व्यक्ति है जो फैक्ट्री में उपलब्ध सभी पदों पर नियुक्त हैं यही इस बात का द्योतक है कि फैक्ट्री में 30 पद है। समान पदों के समूह को कृत्य कहते है। उदाहरण के लिए एक फैक्ट्री में पाँच क्लर्क लगे हैं। ये पाँच क्लर्क पाँच पदों पर नियुक्त हैं किन्तु कृत्य एक ही है। इसी प्रकार किसी प्रतिष्ठान में यदि पाँच लिपिक चार तकनीकी व्यक्ति तथा तीन मिकैनिक्स लगे है तो ये सभी 9 पदों पर कार्यरत है किन्तु कृत्य तीन होंगे।

कृत्य विश्लेषण को परिभाषित करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका के वार मैनपावर कमीशन ने लिखा है- ‘कृत्य विश्लेषण किसी कृत्य की प्रकृति के बारे में निरीक्षण एवं अध्ययन द्वारा सम्बद्ध सूचना को पुष्ट करने एवं सूचित करने का प्रक्रम है। यह कृत्य के लिए वांछित कौशल, ज्ञान, योग्यताओं तथा सफल श्रमिक के लिए आवश्यक उत्तरदायित्वों को निर्धारित करने वाले एवं कृत्य को अन्य कृत्यों से भिन्न करने वाले उपक्रमों को निर्धारित करता है।’

जे० डी० हैकरे ने कृत्य विश्लेषण की परिभाषा में लिखा है- “कृत्य के आधारभूत तत्वों एवं उनकी सफल कार्यान्वित के लिए श्रमिक के लिए अपेक्षित गुणों का निर्धारित कृत्य विश्लेषण के अन्तर्गत आता है।’

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कृत्य विश्लेषण से जुड़ा हुआ एक अन्य शब्द कृत्य विवरण है। इसमें कृत्य में उपेक्षित कार्य के रूप तथा कार्य की दशाओं का उल्लेख कथनों के में होता है। कृत्य विवरण से हमको पता चलता है कि कृत्य कैसे सम्पन्न किया जाता है जबकि कृत्य निर्दिष्टीकरण से पता चलता है कि कृत्य कैसे सम्पन्न होगा।

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