कृत्य विश्लेषण की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए ।

हम निम्नलिखित दिन्दु कृत्य विश्लेषण की आवश्यकता को प्रकट करते हैं

  1. कृत्य विश्लेषण के आधार पर किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान में श्रम कानून लागू करना सम्भव हो सकता है।
  2. कृत्य विश्लेषण किसी कार्य को करने की विधि को निर्धारित करता है।
  3. यह कृत्यों के अर्न्तसम्बन्धों से जुड़ी सूचनाएं प्रदान करता है। बिना इस ज्ञान के एक व्यक्ति को एक कृत्य से दूसरे कृत्य में स्थानान्तरित या पदोन्नत करना सम्भव नहीं होगा।
  4. किसी कृत्य के लिए सक्षात्कार लिए जाने वाले व्यक्तियों से ही तथ्यों की जानकारी पाने में यह विधि नियोक्ता की सहायता करती है।
  5. शैक्षिक एवं व्यावसायिक निर्देशन प्रक्रिया में यह सूचना अधिक उपयोगी होती है। निर्देशन कर्मचारी तथा निर्देशन प्राप्त करने वाले को उस कृत्य के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए जिसके लिए व्यक्ति को निर्देशन सहायता देनी है।

स्थानन सेवा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

कृत्य विश्लेषण का क्षेत्र (Scope of Job Analysis)

किसी कृत्य में निर्हित कार्यों के वर्णन तक ही कृत्य विश्लेषण का क्षेत्र सीमित नहीं है। कृत्य विश्लेषण का विशेषश कृत्य में निहित कार्यों के बारे में समस्त प्रकार की सूचनाओं का संग्रही करता है। यह यह जानना चाहता है कि कृत्य मे कौन-से उपकरण तथा सामग्री का उपयोग होता है। इसके साथ ही उन भौतिक दशाओं का ज्ञान भी आवश्यक है जिसमें कृत्य करना पड़ता है। इस कृत्य में सम्भावित खतरों तथा सुरक्षा की जानकारी, काम करने के लिए आवश्यक शारीरिक एवं मानसिक प्रयास, प्रशिक्षण तथा आवश्यक मानवीय गुणों का ज्ञान भी आवश्यक है। वह विभिन्न कृत्यों में परस्पर. सम्बन्ध तथा एक कृत्य से दूसरे कृत्य में स्थानान्तरण की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डालता है। वह समान कृत्यों को एक कृत्य परिवार में वर्गीकृत करता है।

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