किण्डरगार्टेन प्रणाली की विशेषताएँ एवं दोष बताइए।

किण्डरगार्टेन प्रणाली की विशेषताएँ-

किण्डरगार्टेन शिक्षा पद्धति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है

  1. यह बाल प्रधान प्रणाली है, जो शिशु-शिक्षा हेतु अत्यन्त उपयोगी है।
  2. यह छोटी आयु के बच्चों के लिए अधिक उपयोगी है। यह उनके साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार पर बल देती है।
  3. किण्डरगार्टेन प्रणाली बालकों की ज्ञानेन्द्रियों के प्रशिक्षण को महत्त्व देती है।
  4. यह बालकों की आन्तरिक शक्तियों को विकसित करने के लिए उनकी आत्म-क्रिया पर बल देती है।
  5. इस पद्धति में उपहारों एवं व्यापारों द्वारा बच्चों की कल्पना और रचनात्मक कार्य करने की शक्ति प्रोत्साहित होती है।
  6. इसमें विभिन्न प्रकार के खेलों, क्रियाओं तथा सामाजिक कार्यों को सामूहिक रूप में कराया जाता है। अतः बालकों में नैतिक और सामाजिक गुणों का विकास होता है।
  7. यह पद्धति बालकों में सौन्दर्यात्मक शिक्षा को प्रोत्साहित करती है।
  8. यह अत्यन्त सरल, रुचिपूर्ण और आकर्षक शिक्षण-पद्धति है। बालकों को पुस्तकीय भारों से मुक्त रख जाता है।
  9. . किण्डरगार्टेन प्रणाली में शिक्षक एवं बालकों के मध्य स्नेहपूर्ण सम्बन्ध होते हैं।
  10. इस प्रणाली में शारीरिक क्रियाओं पर बल दिया जाता है, जिससे बच्चों में शारीरिक श्रम के प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती है।

देवगुप्त और शशांक की मित्रता के विषय में लिखिए।

किण्डरगार्टेन प्रणाली के मुख्य दोष / कमियां निम्नलिखित हैं-

  1. किण्डरगार्टेन पद्धति का रहस्यवादी सिद्धांत अवैज्ञानिक, भ्रमपूर्ण तथा अस्पष्ट है। फलस्वरूप बालक व्यावहारिक जीवन से दूर हो जाते हैं।
  2. इसमें गोलों तथा घनों जैसे उपहारों को ऐसे दार्शनिक प्रतीकों के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो छोटे बच्चे समझ नहीं सकते।
  3. इस पद्धति में पाठ्यक्रम के सभी विषयों को अलग-अलग पढ़ाने पर बल दिया जाता है, अतः विभिन्न विषयों में समन्वय स्थापन नहीं हो पाता है।
  4. यह अत्यधिक खर्चीली शिक्षण-विधि, जिसे निर्धन देशों द्वारा प्रयोग नहीं किया जाता।
  5. उपहारों तथा व्यापारों पर अत्यधिक बल दिए जाने से बच्चों की स्वतंत्रता समाप्त हो जाती है।
  6. किण्डरगार्टेन प्रणाली में प्रयुक्त होने वाले गीत और चित्र पुराने हैं, अतः सभी स्थानों एवं समयों की दृष्टि से उपयुक्त बालक की वैयक्तिकता कुण्ठित होती है।
  7. इसमें प्रयोग किए जाने वाले उपहार बनावटी है तथा उन्हें मनमाने ढंग से प्रस्तुत किया जाता है आदि।

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