खिलजी आन्दोलन के महत्व – खिलजी साम्राज्य की स्थापना जलालउद्दीन नामक एक तुर्क मुसलमान ने की थी। इसके पूर्वज अफगानिस्तान के थे और भारत में आकर बस गये थे। गुलाम वंशीय अन्तिम शासक कैकूबाद अत्यन्त दुर्बल शासक था, उसके शासन काल में जलालउद्दीन सेनामंत्री था। जब दरबार में गुटबंदी चल रही थी तो जलालउद्दीन के गुट ने इसका फायदा उठा कर विद्रोह कर दिया। इस विद्रोह को खिलजी क्रान्ति का नाम दिया गया। तुर्क अमीरों के संघर्ष में उसने अपने प्रतिद्वन्द्रियों को पराजित कर अपनी शक्ति बढ़ाई तर्क अमीर अब उसकी बढ़ती शक्ति से आतंकित हो गये। ऐसी विषम परिस्थिति में सन् 1290 ई. में जलालउद्दीन ने गुलामवंश का अन्त कर खिलजी वंश की स्थापना की।
लुई चतुर्दश की गृह नीति का वर्णन कीजिए।
शीघ्र ही अपनी योग्यता और कुशलता से उसने दिल्ली सल्तनत का विस्तार किया। इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली सल्तनत का विस्तार सुदूर दक्षिण तक विस्तृत कर दिया। इसके शासन काल में पहली बार प्रशासनिक, सैन्य एवं आर्थिक व्यवस्था का सुनियोजित रूप देखने को मिलता है।