केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से आप क्या समझते हैं?

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स्कूल या विद्यालय बच्चों की शिक्षा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्कूल बच्चों के भविष्य की पहली सीढ़ी होती है, जो आगे चलकर उनके अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करती है, और फिर एक अच्छे राष्ट्र का। जब भी बच्चों कि अच्छी शिक्षा की बात आती है, तो वहाँ सीबीएसई (CBSE) का नाम जरूर सुनाई पड़ता है। आज के समय में तो मानो सीबीएसई, स्कूल का पर्याय बन गया है। आज हर माता-पिता अपने बच्चों को सीबीएसई स्कूल में पढ़ाना चाहते है ।

सीबीएसई (Central Board of Secondary Education) केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का एक संक्षिप्त नाम है। यह हमारे देश का प्रमुख शिक्षा बोर्ड है। सीबीएसई के अन्तर्गत आने वाले सभी स्कूलों का संचालन केन्द्र सरकार करती है और इसकी स्थापना 03 नवम्बर, 1962 को हुई थी। इसके अंतर्गत आने वाले सभी निजी और पब्लिक स्कूल, राजधानी दिल्ली से संचालित होते हैं। सीबीएसई स्कूलों में शिक्षा के दो माध्यम है, हिन्दी एवं अंग्रेजी और इनके पाठयक्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् किताबें प्रयोग की जाती है। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शिक्षा के क्षेत्र में तेज गति से विकास किया, और यही कारण है कि बीते वर्षों में इसका बहुत तेजी से विस्तार हुआ है।

राष्ट्रीय आयोग में अपील की सुनवाई की प्रक्रिया का वर्णन कीजिये।

सीबीएसई दूसरे बोर्ड से अलग इसलिए है क्योंकि इसके पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् किताबें प्रयोग होती हैं। भारत में हायर एजुकेशन के लिए कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं जैसे एनईईटी जेईई आदि का पाठ्यक्रम सीबीएसई से जुड़ा होता है जो बच्चे इन क्षेत्रों में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए सीबीएसई पाठ्यक्रम बहुत ही उपयोगी साबित होता है।

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