केन्द्र राज्य विधायी सम्बन्ध ।

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केन्द्र राज्य विधायी सम्बन्ध – संविधान में संघ तथा राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन तीन सूचियों के अन्तर्गत किया गया है- संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के 97 विषय दिये हैं, जिन पर संसद विधि बनाती है। राज्य सूची में 66 विषय हैं, जिन पर राज्यों के विधानमण्डल विधि बनाते हैं। कुछ अवस्थाओं में इन पर संसद भी विधि बना सकती है। समवर्ती सूची में 47 विषय हैं जिन पर संसद तथा राज्यों के विधानमण्डल दोनों ही विधि बना सकते हैं, लेकिन यदि दोनों की बनायी हुई विधियों में अन्तर्विरोध हो तो संसद की बनायी हुई विधियों को मान्यता प्रदान की जायेगी।

ध्यान रखना चाहिए कि संसद कानून बनाकर सार्वजनिक हित में किसी भी उद्योग पर केन्द्र का नियन्त्रण स्थापित कर सकती है। इसी आधार पर संघ सरकार ने लोहे तथा इस्पात पर और सन् 1971 में कोयले की खानों पर नियन्त्रण स्थापित किया था।

प्लेटो का राज्य एक परिवार, विश्वविद्यालय और चर्च भी है। वर्णन कीजिए।

समवर्ती सूची के सन्दर्भ में एक अभिसमय यह विकसित हुआ है कि यदि संघ सरकार इस सूची के किसी विषय पर कानून बनाती है तो उसकी सूचना वह राज्यों की सरकारों को देती है और यदि राज्यों की सरकारें कोई कानून बनाती हैं तो उसकी सूचना वे केन्द्रीय सरकार को देती हैं। संघ का विधि मन्त्रालय जब तक इन विषयों पर राज्यों की सरकारों को कानून के निर्माण की स्वीकृति नहीं दे देता, तब तक वे कानूनों का निर्माण नहीं कर सकतीं।

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