कैम्ब्रे की सन्धि का वर्णन कीजिए।

0
43

कैम्ब्रे की सन्धि – 1527 में सम्राट चार्ल्स पंचम की सेना जो अधिकतर जर्मन तथा स्पेनी । सैनिकों से गठित थीं राम की ओर प्रस्थान किया। खाद्य सामग्री और धन के अभाव में सैनिकों ने रोम के पवित्र नगर में प्रवेश कर लूटमार प्रारम्भ कर दी। लूटमार का समाचार पाकर फ्रांस का राजा फ्रांन्सिस प्रथम रूष्ट हुआ और उसने सेना की एक टुकड़ी इटली भेजी। कुछ ही समय में उसकी सेना ने मिलान को छोड़कर सम्पूर्ण लोम्बार्डी पर अधिकार कर लिया। फ्रांस की सफलता तथा पोप के प्रति स्पेन और इंग्लैण्ड की भावना को देखकर सम्राट चार्ल्स पंचम ने हरजानालेकर पोप को रिहा करना स्वीकार किया। इसके पश्चात् सम्राट चार्ल्स पंचम ने अपने पक्ष में करपट बदलते हुए अपनी कुशल सेना से फ्रांस की सेना को पराजित किया।

पृथ्वीराज तृतीय (चाहमान) कौन था?

लेकिन जर्मन में लूथर पद के प्रसार को रोकने के कारण वह युद्ध का लाभ न उठा सका तथा तुर्कों के आक्रमण का समाधान करना चाहता था। अतः कैम्ब्रे में 1529 में एक सन्धि हुई। इस सन्धि की धाराएँ लगभग मैड्रिड की सन्धि की ही थी। इसमें केवल इतना अन्तर था कि राजा फ्रांसिस प्रथम को वर्गण्डी की डची रखने का अधिकार प्रदान किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here