ह्वेनसांग पर टिप्पणी लिखये।

हर्षवर्धन के इतिहासा जानने में ह्वेनसांग की लिखी पुस्तक का बहुत महत्व है। ह्वेनसांग एक चीनी यारी था जो हर्ष के शासनकाल में भारत आया था। युआनच्यांग का जन्म सन् 605 ई. में चीन के नानफू नामक प्रान्त के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। स्वेनसांग के पिता का नाम होई था । स्वेनसांग के तीन भाई थे जिनमें ह्वेनसांग सबसे छोटा था। ह्वेनसांग बचपन में ही बौद्ध धर्म की ओर आकर्षित हो गया था। इसीलिए बौद्ध धर्म का गहन अध्ययन करने के उद्देश्य से भिक्षु बन गया। शिक्षा प्राप्ति के लिए ह्वेनसांग को तेरह वर्ष की आयु में बौद्ध मठ में प्रवेश दिलाया गया। ह्वेनसांग अत्यन्त कुशाग्र बुद्धि बालक था। चीन के बौद्ध विहारों से शिक्षा प्राप्त करने के बाद ह्वेनसांग ने भारत जाकर बौद्ध धर्म के मूल ग्रन्थों का अध्ययन करने का निश्चय किया।

29 वर्ष की आयु में ह्वेनसांग ने भारत की यात्रा की ह्वेनसांग सन् 630 ई. से सन् 644 ई. तक भारत में रहकर यहाँ की सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक स्थिति का विवरण अपनी पुस्तक में लिखा। अपने सोलह वर्षों के भारत भ्रमण के दौरान उसने अनेक महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किये ह्वेनसांग प्रयाग के सम्मेलन में भी उपस्थित था और इसके विषय में उसने विस्तार से वर्णन किया है।

कन्नौज के यशोवर्मन की उपलब्धियां बताइए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top