हड़प्पाई सभ्यता के पतन के क्या कारण थे?

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हड़प्पाई सभ्यता के पतन के निमनलिखित कारण है ।

1. बाढ़

मार्शल, मैके, एस.आर. राव ने सिन्धु सभ्यता के पतन का प्रमुख कारण बाद माना है। मार्शल के अनुसार मोहनजोदड़ों में 7 बार बाद आयी, क्योंकि इसकी खुदाई से इसके 7 स्तरों का पता चलता है। धीरे-धीरे लोग नगर छोड़कर अन्यत्र चले गए। परन्तु इससे उन नगरों के पतन के कारणो पर प्रकाश नहीं पड़ता जो नदियों के किनारे स्थित नहीं थे।

2. आर्यों का आक्रमण

व्हीलर, गार्डन चाइल्ड, मैके, पिग्गट, आदि विद्वानों ने सिन्धु सभ्यता के पतन का कारण आर्यों का आक्रमण माना है। अपने मत की पुष्टि में उन्होंने मोहनजोदड़ों से प्राप्त नर कंकालों तथा ऋग्वेद के देवता इन्द्र का उल्लेख दुर्गे संहारक के रूप में किया है परन्तु इतिहासकार केनेडी ने सिद्ध कर दिया है कि मोहनजोदड़ों के नर कंकाल मलेरिया जैसी किसी बीमारी से ग्रसित थे। परवर्ती अनुसंधानों ने यह सिद्ध कर दिया कि आर्य आक्रमण की धारणा मात्र एक मिथक थी।

3. जलवायु परिवर्तन

आरेल स्टाइन और अमलानन्द घोष आदि विद्वानों के अनुसार जंगलों की अत्यधिक कटाई के कारण जलवायु में परिवर्तन आया। राजस्थान के क्षेत्र में जहाँ पहले बहुत वर्षा होती थी, वहाँ वर्षा कम होने लगी। अतः सभ्यता धीरे-धीरे विनष्ट हो गई।

परमार वंश की उत्पत्ति पर प्रकाश डालिए।

4. भू-तात्विक परिवर्तन

एम. आर. साहनी, आर. एल. राइक्स, जार्ज एफ. डेल्स, और एच.टी. लैब्रिक सिन्धु सभ्यता के पतन में भू-तात्विक परिवर्तनों को प्रमुख कारण मानते हैं। भू-तात्विक परिवर्तनों के कारण नादियों के मार्ग बदल गए, जिससे लोगों में सिंचाई, पीने के पानी, आदि का अभाव हो गया। सारस्वत प्रदेश में तो इसका पतन मुख्य रूप से नदी धाराओं के बदलने अथवा स्थानान्तरण के कारण हुआ। इस कारण वे अपने-अपने स्थानों को छोड़कर दूसरे स्थानों को चल गए।

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