Ancient History

गुर्जर शासन का महत्व बताइए।

गुर्जर शासन का महत्व

हर्ष के पश्चात् और भारत में मुस्लिम रखा की स्थापना से पूर्व जिन वंशों ने भारत में शासन किया उनमें गुर्जर प्रतिहार वंश सबसे प्रमुख है। प्रतिहारों ने न केवल भारत में अनेक राजनैतिक अस्थिरता को समाप्त करने का सफल प्रयास किया अपितु मुस्लिम आक्रमणकारियों को भी भारतीय सीमाओं पर लम्बे समय तक रोक रखने में सफलता प्राप्त की। इस राजवंश ने अनेक महान विजेताओं के साथ-साथ धर्मज्ञ, साहित्य प्रेमी और कला प्रेमी राजाओं को जन्म दिया। इनके शासन काल में भारतीय संस्कृति का काफी विकास हुआ हर्ष के बाद उत्तरी भारत में गुर्जरों ने एक बड़ा साम्राज्य स्थापित कर राजनैतिक एकता कायम की प्रतिहारों की सबसे बड़ी राजनैतिक देन अरबों को सिन्ध से आगे न बढ़ने देना है। प्रतिहार नरेशों ने महाराज, महाराजाधिराज जैसी उपाधियों धारण की।

चालुक्यों के प्रशासनिक संगठन का उल्लेख कीजिए।

उनका साम्राज्य मुक्ति, मण्डल और विषय में विभक्त था। राज्य के प्रमुख पदाधिकारी दण्डपाशिक, महाप्रतिहार दण्डनायक और बलाधिकृत थे। महाकवि राजशेखर सर्वश्रेष्ठ कवि थे। उन्होंने बाल रामायण और कर्पूर की रचना की तथा सोमेश्वर ने चण्ड कौशिक की रचना की। उनके समय में शिव, गणेश, सूर्य और शक्ति की पूजा होती थी एवं बौद्ध धर्म अवनति पर था जैन धर्म मुख्यतः राजपूताना एवं पश्चिमी भारत में सीमित था।

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